50 मवेशी की मौत, जिम्मेदार कोन,एक ही छोटे कक्ष में इतने सारे गाएं को रखना समझ के परे

50 मवेशी की मौत, जिम्मेदार कोन,एक ही छोटे कक्ष में इतने सारे गाएं को रखना समझ के परे

पाकुड़: जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड के आलूबेड़ा पंचायत अंतर्गत चिलगो गांव के पुराने विद्यालय भवन के एक रूम मैं बंद 50 मवेशी की संदेहास्पद मौत, एक साथ 50 मवेशी की मौत से गांव के लोगों मैं एक संदेह उत्पन्न हो रहा है की कन्ही कोई साजिश तो नहीं,हालांकि जांच दल ने जांच सुरु की है,लेकिन अभी तक स्थिति कुछ समझ नहीं आ पाई है,इस सारे मसले को लेकर ग्रामीणों मैं क्रोध भी जायदा देखा गया है, और ग्रामीण और किसानों मैं मायूसी छा सी गई है।

50 मवेशी की मौत का ग्रामीणों में तरह-तरह के चर्चा चल रहा है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार सभी मवेशी को बीते गुरुवार संध्या 4 बजे चिलगो गांव के पुराने विद्यालय भवन के एक रूम में घुसा कर बंद कर दिया। एक रूम में मवेशी की संख्या अधिक होने के कारण सभी मवेशी को सांस लेने में कठिनाई होने लगी जिसके कारण सभी मवेशी छटपटा कर दम तोड़ने लगे, मिली जानकारी के अनुसार जब एक व्यक्ति अपना मवेशी लेने विद्यालय गया तो देखा कि सभी मवेशी मृत पड़ा हुआ है। इसकी सूचना सभी गांव वालों को दिया गया सभी मवेशी मालिक अपना-अपना मवेशी देखने विद्यालय पहुंचे मृत मवेशी को देखकर रोने लगे लोगों ने बताया कि खेती-बाड़ी का दिन है हम लोग की मवेशी मर जाने से खेती करने में काफी परेशानी होगी।

 

वही गांव के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश मुर्मू ने बताया कि प्रतिदिन की तरह ग्रामीण विद्यालय भवन में एक कमरे में मवेशी को रखते थे इन सब उनको मना करने के बावजूद भी ग्रामीण विद्यालय में मवेशी को रखते थे। आज इन सभी का मवेशी की मौत हो गया है।

 

विद्यालय के प्रधान शिक्षिका प्रेमशिला मरांडी ने बताया कि गांव के सभी ग्रामीणों को कई बार मवेशी विद्यालय में रखने से मना किया गया था लेकिन ग्रामीण अपनी मन से ही पूर्ण विद्यालय भवन के एक कमरे में प्रतिदिन रखा करते थे आज इन सबों के लगभग 50 मवेशी की मौत दम घुटने से हो गया है। ग्रामीण विद्यालय छुट्टी होने के बाद मवेशी को विद्यालय के एक कमरे में बंद कर रखते थे।

 

आलूबेड़ा पंचायत के मुखिया सुनीता मरांडी ने बताया कि मवेशी की मौत की खबर सुनते ही गांव पहुंचे और मवेशी की मौत के घर जानकारी लिया। मवेशी की मौत दम घुटने से हुआ है। इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस, सिविल प्रशासन सहित पशुपालन विभाग को दे दिया गया है.

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