खनन माफिया का राज, प्रशासन बना तमाशबीन!
प्रशासन की नींद गायब या मिलीभगत? महुदा में अवैध कोयले का बोलबाला
महुदा के हाथूडीह और कुलटांड में फल-फूल रहा कोयले का अवैध कारोबार
महुदा : महुदा थाना क्षेत्र के हाथूडीह, कुलटांड, मुचिरायडीह सहित आसपास के इलाकों में कोयले का अवैध कारोबार बेखौफ तरीके से जारी है। इस काले कारोबार की चपेट में कानून-व्यवस्था से लेकर पर्यावरण तक सब कुछ आता जा रहा है, मगर हैरानी की बात यह है कि स्थानीय पुलिस, सीआईएसएफ, बीसीसीएल प्रबंधन, जिला खनन विभाग और अंचल प्रशासन समेत तमाम जिम्मेदार विभाग मौन साधे बैठे हैं। सूत्रों के अनुसार, इस अवैध धंधे में कई प्रभावशाली राजनैतिक रसूख वाले कोयला तस्कर शामिल हैं, जिन्होंने दर्जनों अवैध खदानें खोल रखी हैं। बताया जा रहा है कि ये तस्कर न केवल वर्षों से बंद पड़ी बीसीसीएल की खदानों के मुहानों को दोबारा खोलकर कोयले की तस्करी कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय युवको समेत बाहर से लाकर आदिवासी, दलित किशोरों एवं किशोरियों मौत के मुहानो में भेज रहे हैं, तो वहीं स्थानीय किसानो को बहला-फुसलाकर उनकी उपजाऊ भूमि का भी अवैध खनन में उपयोग कर रहे हैं। अवैध खनन के इस कारोबार के चलते इलाके में न केवल जंगलों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, बल्कि जन सुरक्षा और पर्यावरण संतुलन पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है। इतना सब होते हुए भी संबंधित प्रशासनिक इकाइयों की खामोशी कई सवाल खड़े करती है। आखिर क्या कारण है कि यह सब कुछ जानने और देखने के बावजूद कार्रवाई के नाम पर महज़ चुप्पी साधी जा रही है? स्थानीय लोग अब इस लूट के खिलाफ आवाज़ उठाने लगे हैं। कई नागरिक सांसद, विधायक, जिला परिषद सदस्यों और पंचायत प्रतिनिधियों से पूछ रहे हैं कि आखिर राज्य की खनिज संपदा की इस खुली लूट पर उनका सामाजिक उत्तरदायित्व कहां खो गया? इस संबंध में जब अंचलाधिकारी, बाघमारा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि जानकारी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन संतोषजनक उत्तर देने से वे कतराते नज़र आए। अब सवाल यह है कि राज्य की संपदा की इस दिनदहाड़े हो रही लूट के खिलाफ हेमंत सरकार कब सख्ती दिखाएगी? क्या जनता यूं ही सवाल करती रहेगी और सिस्टम मौन रहेगा?