*लम्पी स्किन डिजीज से जुड़ी सारी बातें जो आपको जाननी चाहिए*

*लम्पी स्किन डिजीज से जुड़ी सारी बातें जो आपको जाननी चाहिए*

 

*संवाददाता:अंगद सिंह *

देश में एक बड़ी आबादी पशुपालन से जुड़ी हुई है, ऐसे में एक नई बीमारी लम्पी स्किन डिजीज ने पशुपालकों को परेशान कर रखा है, इस बीमारी को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल है, आज हम आपके कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं।

*लम्पी स्किन डिजीज क्या है? यह किन पशुओं को प्रभावित करता है? इसके लक्षण क्या हैं?*

 

लंपी स्किन डिजीज एक वायरल बीमारी होती है, जो गाय-भैंसों में होती है। लम्पी स्किन डिज़ीज़ में शरीर पर गांठें बनने लगती हैं, खासकर सिर, गर्दन, और जननांगों के आसपास। धीरे-धीरे ये गांठे बड़ी होने लगती हैं और घाव बन जाता है। एलएसडी वायरस मच्छरों और मक्खियों जैसे खून चूसने वाले कीड़ों से आसानी से फैलता है। साथ ही ये दूषित पानी, लार और चारे के माध्यम से भी फैलता है।

*किन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने लम्पी स्किन डिजीज के संक्रमण के मामले देखे गए हैं?*

 

सबसे पहले इस बीमारी को गुजरात और राजस्थान में देखा गया, जहां पर हजारों की संख्या में पशुओं की मौत हो गई, अभी तक इस बीमारी को गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अंडमान निकोबार जैसे प्रदेशों और केंद्र शासित राज्यों में रिपोर्ट की गई है।

*यदि किसी पशु को लम्पी स्किन डिजीज हो जाता है, तो क्या उसका दूध उत्पादन कम हो जाता है?*

 

लम्पी स्किन डिजीज पशुओं को तेज बुखार आ जाता है और दुधारु पशु दूध देना कम कर देते हैं, मादा पशुओं का गर्भपात हो जाता है, पशुओं की मौत भी हो जाती है।

*क्या लम्पी स्किन डिजीज से प्रभावित गाय/भैंस के दूध का सेवन करना सुरक्षित है?*

 

वैसे तो अभी तक लंपी स्किन डिजीज से ग्रस्त पशुओं से इंसानों में बीमारी फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन फिर भी पशु चिकित्सक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं

विशेषज्ञों की मानें तो बाजार से दूध खरीकर कम से कम 100 डिग्री सेंटीग्रेड तक गरम करना या उबालना चाहिए। दूध में मौजूद घातक बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करने के लिये सिर्फ यही नुस्खा काफी है इसलिये लंपी संक्रमित गाय-भैंसों का दूध पीने से पहले सावधानियों पर अमल करना फायदेमंद रहता है.

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