दलित इन्द्र मेघवाल की निर्मम हत्या के विरोध में माले का प्रतिवाद मार्च 

दलित इन्द्र मेघवाल की निर्मम हत्या के विरोध में माले का प्रतिवाद मार्च

 

बिरनी,प्रतिनिधि। बीते दिनो राजस्थान के एक मासूम दलित छात्र इन्द्र मेघवाल की निर्मम हत्या के विरोध में गिरफ्तार आरोपी के हत्यारे की रिहाई करने से आक्रोशित भाकपा माले ने बिरनी में प्रतिवाद मार्च निकाला। मार्च का नेतृत्व प्रखंड सचिव सीताराम सिंह ने किया। मार्च पूरे प्रखंड मुख्यालय का भ्रमण करने का बाद मुख्यालय गेट पर एक नुक्कड सभा में तब्दील हो गया। नुक्कड सभा को सम्बोधित करते हुए उपप्रमुख शेखर शरण दास ने कहा कि राजस्थान के दलित छात्र इन्द्र मेघवाल का गुनाह सिर्फ इतना था की मनुवादी शिक्षक के मटका से पानी पिया था। और उस बालक को अछूत बोल कर बेरहमी से पिटाई किया जाता है। गम्भीर रूप से घायल इन्द्र मेघवाल की मौत हो जाती है। कहा हैरानी की बात यह है इन्द्र मेघवाल के हत्या के मामले में आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार किया जाता है और बाद में छोड़ दिया जाता है। उपप्रमुख ने कहा कि मै पुछना चाहता हूं भाजपा के लोगो से की क्या बालक इन्द्र मेघवाल हिन्दु था या नही अगर हिन्दु था तो आज तक भाजपा और कांग्रेस के लोग संवेदना व्यक्त क्यों नहीं किया।

वहीं दूसरी ओर बजरंग दल के मीडिया प्रभारी सदानन्द वर्णवाल ने माले के प्रतिवाद मार्च पर सवाल उठाते हुए कहा कि दूसरे राज्य में कहीं कुछ होता है तो माले तुरन्त झंडा लेकर सड़क पर आ जाता है लेकिन जब अपने ही प्रखण्ड में नाबालिग बच्ची के साथ माले का ही कार्यकर्ता सह खेदवारा मुखिया पति घिनोना हरकत करता है तब कोई जुबान तक नहीं खोलता है। माले का शुरू ही यह प्रथा रहा है कि जो उसे सूट करे उस पर ब्यानबाजी करता है। उन्होंने वर्ष 2020 की घटना को याद कराते हुए कहा कि बलिया पंचायत के दलित बच्ची के साथ माले का ही कार्यकर्ता हैवानियत करता है उस समय भी माले के लोग को सांप सूंघ जाता है। बता दें कि उस घटना में बच्ची के साथ घटे घटना के सदमे से उसकी मां की मौत हो गई थी तब भी किसी ने इस तरह का मार्च नहीं निकला।

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