पानी के लिए एक किलोमीटर दूर विद्यालय के चापाकल से अपनी प्यास बुझाते है ग्रामीण 

पानी के लिए एक किलोमीटर दूर विद्यालय के चापाकल से अपनी प्यास बुझाते है ग्रामीण

विनय संगम,बिरनी।

बिरनी प्रखण्ड के एक हजार की आबादी वाला खरखरी गांव में पानी का जलस्तर इतना नीचे रहता हैं कि यहाँ सालों भर लोगों को पीने के पानी की समस्या से जूझते रहना पड़ता हैं। लोग पानी के लिए प्रतिदिन संघर्ष करते हैं पूरा गांव में दो सौ फीट तक पानी नही हैं। गांव का हर एक ग्रामीण अपने स्तर से दर्जनों बार बोरिंग कराया लेकिन एक भी बोरिंग से लोगों को पानी नसीब नही हो सका। सबसे बड़ी बात तो यह हैं कि इस गांव में व्याप्त पानी के हाहाकार को लेकर आज तक किसी भी जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नही दिया। पिछले कार्यकाल में बगोदर विधायक नागेंद्र महतों ने खरखरी गांव में सड़क के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भरी सभा मे ग्रामीणों को पानी की ज्वलंत समस्या के निवारण हेतु पानी टंकी का निर्माण कराने का घोषणा भी की थी लेकिन आज तक मामले पर किसी तरह का कोई ठोस निर्णय नही लिया जा सका हैं।

  1. हर दिन बच्चे बूढ़े गांव से दूर सरकारी विद्यालय से लाते हैं पानी

उक्त गांव में पानी की इतनी किल्लत हैं कि हर दिन गांव के बच्चे बूढ़े नोजवान महिलाएं सभी साइकिल मोटरसाइकिल से पानी लाने गांव से एक किलोमीटर दूर सरकारी विद्यालय उत्क्रमित मध्य विद्यालय खरखरी स्थित चापाकल से पानी लाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पूरा गांव में एक मात्र उस विद्यालय में पानी हैं जहां से ग्रामीणों की प्यास बुझती हैं। कहा कि यहाँ पानी की समस्या सालों भर रहता हैं गांव में चापाकल या कुंआ नही हैं ऐसा नही हैं समस्या ये हैं कि किसी मे पानी नही हैं।

पानी टंकी का निर्माण हो जाने से लोगों को मिल सकता है राहत

बतादें की गांव में जलस्तर इतना नीचे हैं कि बोरिंग कराते कराते लोग अब थक गए हैं । ऐसे में ग्रामीणों का कहना हैं कि अगर स्थानीय विधायक इस मामले को लेकर थोड़ा सा गम्भीर होते तो हमलोगों को पानी के ज्वलंत समस्या से राहत मिलता, यहाँ के ग्रामीण सहित अगल बगल के तीन चार पंचायतों को इसका लाभ मिलेगा लेकिन जनप्रतिनिधियों के ध्यान इस ओर जाए तब तो।

 

पानी टंकी के निर्माण होने से चार पंचायत के 50 गांव होंगे लाभान्वित

पानी टंकी के निर्माण होने से चार पंचायत खरखरी, केंदुआ, खेरीडीह, और शाखाबारा पंचायत के लगभग 50 गांव के लोगों को पानी की समस्या से राहत मिलेगी।

अब नही बनेगा तो कब बनेगा

ग्रामीण पंकज पाण्डेय का कहना हैं कि मोदी राज में अगर इस गांव में पानी की किल्लत से छुटकारा नही मिला तो कभी इस गांव को पानी की समस्या से छुटकारा नही मिलेगा।

पानी के लिए पानी पानी हो चुके हैं ग्रामीण

ग्रामीण बबलू पाण्डेय का कहना हैं कि गांव के लोग पानी के लिए पानी पानी हो चुके हैं, अब थक हार कर जनप्रतिनिधि से पानी मांग रहे हैं ।

अब घोषणा नही पानी चाहिए

अंकित कुमार का कहना हैं कि अब हम लोगों को घोषणा नही चाहिए अब पानी चाहिए, पानी की घोर समस्या से जनता परेशान है और यहाँ के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कोई मतलब नही हैं। अगर पानी की समस्या से जनप्रतिनिधि छुटकारा नही दिलायेंगे तो अबकी बार विरोध का सामना करना पड़ेगा।

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