News Agency : सिंहभूम लोकसभा सीट पर महागठबंधन की गांठ नहीं खुल रही है। कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा के नामांकन के दौरान झामुमो विधायकों की अनुपस्थिति ने गठबंधन की एकता पर सवाल खड़ा कर दिया है। सिंहभूम में झामुमाे के पांच विधायक हैं। शनिवार काे नामांकन में एक भी विधायक शामिल नहीं हुए। अधिकतर विधायक कार्यक्रम अाैर समस्या का हवाला दे रहे हैं।
विधायक भले कह रहे हैंं कि महागठबंधन के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सभी ने कांग्रेस प्रत्याशी से दूरी बना रखी है। यह भी कहा जा रहा है कि झामुमो विधायकों को डर है कि गीता कोड़ा जीत गईं तो कांग्रेस विस चुनाव में ज्यादा सीटें मांग सकती है। मझगांव विधायक निरल पूर्ति ने कहा कि गुड फ्राइडे में रांची गया था। झामुमाे ने मयूरभंज का प्रभारी बनाया है, इसलिए व्यस्त था। महागठबंधन में गांठ नहीं है।
मनोहरपुर विधायक जोबा मांझी ने कहा- गीता कोड़ा नेे नामांकन में आने के लिए संपर्क नहीं किया था, इसलिए नहीं गई। जहां सम्मान नहीं वहां क्या जाना। यह घरेलू मामला है। जल्द सुलझा लिया जाएगा। मनमुटाव या संवादहीनता जैसी स्थिति नहीं है। मिल बैठकर सुलझा लेंगे। गुरुजी व हेमंत सोरेन का अाशीर्वाद मिला है। हेमंत सोरेन four मई को चाईबासा में सभा करेंगे। चक्रधरपुर विधायक शशिभूषण सामड ने कहा-बैठक कर रहा था। कांग्रेस काे समन्वय बनाकर चलना चाहिए। झामुमाे की ताकत काे समझना हाेगा।
सरायकेला के झामुमाे विधायक चंपई सोरेन जमशेदपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। वे गीता काेड़ा के नामांकन में शामिल नहीं हुए। सोमवार को चंपई के नामांकन में सभी विधायक आएंगे। यहां सिंहभूम की रणनीति बनेगी।