झारखंड पॉलिटिक्स रांची से रायपुर हुआ सिफ्ट

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची,झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संभावित इस्तीफे के बाद झामुमो और कांग्रेस के विधायकों की खरीद बिक्री की संभावाना भी बढ़ गई है। इसी डर से हेमंत सोरेन ने अपने 31 विधायकों को आज मंगलवार को रांची से छत्तीसगढ़ के रायपुर शिफ्ट कर दिया है। शाम करीब साढ़े चार बजे इंडिगो के विशेष विमान से सभी विधायक रांची एयरपोर्ट से उड़ान भरे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सीएम आवास से इन विधायकों को लेकर खुद एयरपोर्ट पहुंचे। दो बसों में सवार ये विधायक इससे पहले सीएम आवास जुटे। यहां से एकसाथ रवाना हुए। बस में खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सवार थे। हालांकि वह रायपुर नहीं गए हैं।कहा जा रहा है कि यूपीए के एक सीनियर विधायक ने रायपुर जाने से मना कर दिया था. लेकिन सीएम हेमंत और कांग्रेस के वरीय पदाधिकारियों के मनाने पर उन्होंने गुस्सा थूका. रांची एयरपोर्ट पर इंडिगो की प्राइवेट फ्लाइट करीब दो घंटे से खड़ी है. यह जहाज रांची से सीधा रायपुर लैंड करेगा. जहां विधायकों के स्वागत के लिए रायपुर का आलीशान रिसॉर्ट सजधज कर तैयार है. रिसॉर्ट का नाम MAYFAIR है. ये रायपुर शहर के नवा रायपुर में स्थित है.

रायपुर का MAYFAIR रिसॉर्ट छत्तीसगढ़ का सबसे महंगा रिसॉर्ट माना जाता है. बताया जा रहा है कि फ्लाइट से लेकर रिसॉर्ट में रुकने तक जो भी खर्च आ रहा है, उसका वहन कांग्रेस पार्टी की तरफ से किया जा रहा है. रिसॉर्ट में 3500 रुपये से लेकर 35000 रुपये तक के कमरे हैं. रिसॉर्ट अपने सुइट के लिए जाना जाता है. फिलहाल कांग्रेस की तरफ से वहां 24 कमरे बुक कराये गये हैं. बताया जा रहा है कि इसका आंकड़ा बढ़ सकता है. करीब 45 कमरे (सुइट के साथ) बुक हो सकते हैं.

 

वहीं ये रिसॉर्ट अपने स्वीमिंग पूल के लिए भी जाना जाता है. यहां चार स्वीमिंग पूल हैं. एक कॉमन और तीन की व्यवस्था थोड़ी अलग है. इस आलीशान रिसॉर्ट में विधायक एक हफ्ते तक आनंद उठा सकते हैं.

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रांची एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पहले भी आपने देखा, आगे भी हम कई चीजें देखेंगे। सत्ता पक्ष बड़े तरीके से जवाब देगा। यह भी कहा कि रायपुर मुझे जाना होगा तो बताएंगे। मालूम हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अपने नाम से रांची के अनगड़ा जिले में पत्थर खनन लीज लेने का आरोप है। इस मामले में चुनाव आयोग से भाजपा ने शिकायत की थी। चुनाव आयोग ने अपना फैसला झारखंड राज्यपाल रमेश बैस को भेज दिया है। राज्यपाल ने अभी तक इस फैसले से मुख्यमंत्री को अवगत नहीं कराया है। कई दिनों से मुख्यमंत्री और झारखंड के लोग इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। कहा जा रहा कि फैसला मुख्यमंत्री के खिलाफ है। वैसे इसकी अभी तक किसी ने पुष्टि नहीं की है। इस कारण झारखंड की राजनीति में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। ऐसा कहा जा रहा कि हेमंत सोरेन अगर इस्तीफा देते हैं तो उनके विधायकों की खरीद बिक्री हो सकती है। सरकार गिर सकती है। इसी डर से हेमंत सोरेन ने विधायकों को छत्तीसगढ़ भेज दिया है।

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