झारखंड कोरोना पाबंदियों में रामेश्वर उरांव मंत्री जी करवा रहे हैं शाही स्वागत!

राजनीतिक संवाददाता द्वारा

राँची : झारखंड सरकार ने जहां एक तरफ कोरोना की रोकथाम के लिए राज्य में कई पाबंदियां लगा रखी है. मास्क नहीं पहनने वालों से जुर्माना वसूला जा रहा है. शादी और श्राद्ध में शामिल होने वाले लोगों की संख्या सीमित कर दी गयी है. वहीं दूसरी ओर लोहरदगा में झारखंड सरकार में वित मंत्री और लोहरदगा के विधायक रामेश्वर उरांव के कार्यक्रमों में सैकड़ों की भीड़ जुट रही है. बीते 15 जनवरी को लोहरदगा के अरेया गांव में सैंकड़ों लोगों ने मंत्री जी का स्वागत गाजे बाजे के साथ किया. इस दौरान ज्यादातर लोग बिना मास्क के थे और न ही कोई सोशल डिस्टेंसिग का पालन कर रहा था. मंत्री जी बिना किसी डर के लोगों से मिल रहे हैं.
बता दें, इस कार्यक्रम को देखकर ऐसा नहीं लगा कि राज्य में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और लोगों को एहतियात बरतने के निर्देश सरकार ने जारी कर रखे हैं. जब खुद सरकार के मंत्री के कार्यक्रमों में सरकारी दिशा निर्देश हवा हवाई हो रहे हैं तो ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि सरकार कोरोना को लेकर क्या वाकई गंभीर है. बता दें, वित मंत्री डा रामेश्वर उरांव गांव-गांव जाकर लोगों से मिल रहे हैं. कई बार वह बिना मास्क के भी नजर आए. अब ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि मंत्री जी सरकारी योजना को गांव-गांव पहुंचाने गए थे या कोरोना को निमंत्रण देने.

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नकारी के अनुसार वित मंत्री जी 15 जनवरी को जिले के ग्रामीण क्षेत्र किस्को प्रखंड के आरिया, चरहु, महुगांव में लोगों से मिले. बता दें, लोहरदगा जिले में झारखंड भर में प्रसिद्ध मकर संक्रांति मेला 15 जनवरी को कोरोना की वजह से नहीं लगा, लेकिन दूसरी ओर मंत्री जी सैकड़ों लोगों को एक जगह जुटा कर, एक तरह का मेला लगा कर सरकारी योजनाओ की जानकारी देते रहे. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के चेहरे पर न मास्क दिखी न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ.
ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि जब जनप्रतिनिधि ही इस तरह से खुलेआम नियमों का उल्लंघन करेंगे तो आमलोगों का क्या कहना? इस दौरान वित मंत्री डा रामेश्वर उरांव ने कहा कि हम गांव-गांव घूम रहे हैं। ताकि सरकारी योजना का लाभ ग्रामीणों को मिल सके. लेकिन कोरोना गाइडलाइंस की इस तरह से धज्जियां उड़ाना समझ से परे है. इस दौर में मंत्री जी को लोगो को जागरूक करना चाहिए. वहीं ये भीड़ जुटा कर अपने प्रचार प्रसार में लगे है. सवाल उठता है कि क्या केवल आम लोगों के लिए गाइडलाइंस होती हैं. मंत्री और सरकार के लोग जब चाहे इसकी धज्जियां उड़ा दें, फर्क नहीं पड़ता.

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