रेलवे के निजीकरण से इनकार कैसे पूरा होगा विनिवेश का लक्ष्य

रेलवे के निजीकरण से इनकार कैसे पूरा होगा विनिवेश का लक्ष्य

News Agency : पीयूष गोयल ने बुधवार को लोकसभा में कहा, “अभी तक किसी भी पैसेंजर ट्रेन को निजी हाथों में देने की कोई पहल नहीं हुई है.”चंद दिनों पहले ख़बर आई थी कि लखनऊ से दिल्ली को प्रस्तावित तेजस एक्सप्रेस को निजी हाथों में देने की तैयारी पूरी हो गई है.मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में रेलवे के विस्तार के लिए सरकारी और निजी कंपनियों के बीच भागीदारी की बात कही थी.दुनिया की सबसे बड़ी रेल सेवाओं में से एक भारतीय रेलवे 1853 में अपनी स्थापना के समय से सरकार के हाथों में रही है. हालांकि पिछले कुछ सालों में अलग-अलग सरकारें इसके कुछ कामों जैसे कैटरिंग, ट्रेनों के भीतर की सेवाएं और कुछ दूसरे कामों को निजी कंपनियों को सौंपती रही हैं. रेलवे सिर्फ एक ही सरकारी कंपनी नहीं है जिसका निजीकरण हाल की सरकारों के हाथों होता रहा है.1990-91 के समय से सरकारी कंपनियों को निजी कंपनियों को बेचने की शुरु हुई प्रक्रिया कांग्रेस, बीजेपी और दूसरी सरकारों के समय में भी जारी रही है और इन सालों के भीतर टेलीफ़ोन कंपनी एमटीएनएल, हिंदुस्तान ज़िंक, भारत अल्युमिनियम और सेंटोर होटल जैसी सरकारी कंपनियों को निजी कंपनियों के हाथों बेचा गया है.विनिवेश की प्रक्रिया को वैश्वीकरण से भी जोड़कर देखा जाता है.इस वित्तीय वर्ष (2019-20) में सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये विनिवेश के माध्यम से उगाहने का लक्ष्य रखा है.आर्थिक विश्लेषक प्रंजॉय गुहा ठाकुरता एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के टारगेट को ‘बहुत महत्वाकांक्षी’ मानते हैं और कहते हैं कि इस मामले में भी वहीं होगा जोकि पिछली मोदी सरकार या उसके पहले की कांग्रेस-नेतृत्व वाली सरकारों में होता रहा था जहां एक सरकारी कंपनी को दूसरे का शेयर ख़रीदने को बाध्य किया गया जिसके बलबूते सरकार ने अपना विनिवेश का लक्ष्य पूरा होता दिखा दिया.प्रंजॉय गुहा ठकुरता कहते हैं कि इस बार के विनिवेश में जो एक बात अलग है वो है वित्त मंत्री का ये कहना कि सरकारी कंपनियों में हुकूमत की साझेदारी को 51 फ़ीसद से भी कम कर दिया जाएगा.51 फ़ीसद से कम यानी कंपनी में मालिकाना हक़ को कम कर देना.लेकिन प्रंजॉय का कहना है कि शेयर बाज़ार के ख़स्ता हालात और बदहाल अर्थव्यवस्था में इतना बड़ा विनिवेश आसान नहीं होगा.

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