अपने विधायकों को रिजॉर्ट भेजने की तैयारी में हेमंत सोरेन

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची: सियासी संकट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस ने अपने विधायकों को रिजॉर्ट भेजने की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों के हवाले से ये खबर आई है. सूत्रों ने कहा कि सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों को जरूरत पड़ने पर पश्चिम बंगाल या छत्तीसगढ़ जैसे “मित्र राज्यों” में स्थानांतरित करने की तैयारी की गई है. ऐसा भाजपा के डर से किया जा रहा है.
एक कांग्रेस नेता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि “हमारे गठबंधन के विधायकों को छत्तीसगढ़ या पश्चिम बंगाल में भेजे जाने की सभी व्यवस्थाएं की गई हैं. दोनों गैर-भाजपा सरकारों द्वारा संचालित हैं. तीन लग्जरी बसें विधायकों को सड़क मार्ग से पहुंचाने के लिए रांची पहुंच गई हैं. कुछ एस्कॉर्ट वाहन भी होंगे.”
रणनीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक का तीसरा दौर चल रहा है. सूत्रों ने बताया कि सभी सत्तारूढ़ विधायक अपने सामान के साथ बैठक में शामिल हो रहे हैं. एक अन्य सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘जरूरत पड़ने पर सभी सत्तारूढ़ विधायकों को एक ही स्थान पर भेजा जाएगा. सभी विधायक अपना सामान लेकर मुख्यमंत्री आवास पर महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने आए हैं’.

झारखंड में सियासी उथल-पुथल के बीच कुर्सी का खेल चल रहा है। विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। सीएम हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे ज्यादातर विधायक अपने गाड़ियों में दो-दो बैग लेकर पहुंचे थे।
दरअसल, सीएम हाउस पहुंची कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह की गाड़ी का डिक्की अचानक खुल गया, जिसमें उनके साथ बैग होने की जानकारी मीडिया को मिली। वाहन में खाने-पीने के भी कई सामान रखे थे। इस संबंध में दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि उन्हें भी वीकेंड मनाने का अधिकार है। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि वह कहां जाने वाली है, तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उनके पास नहीं है।
विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र महागामा राजधानी से काफी दूर है। वहीं, कई दिनों तक उन्हें रांची में रहना पड़ता है और दिल्ली जाना पड़ता है, इस कारण उनकी कार में हमेशा बैग रहता है।

जेएमएम सांसद विजय हांसदा ने कहा कि वे जब रांची में रहते है, तो अक्सर मुख्यमंत्री आवास आते है। अभी ताजा राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा के लिए सभी विधायक पहुंच रहे हैं, फिलहाल राज्यपाल के फैसले का इंतजार किया जा रहा है और यूपीए के सभी विधायक एकजुट हैं।

विधायकों के वाहन में दो-तीन बैग है, जिसमें कपड़ा के अलावा अन्य खाने-पीने की चीज है। हालांकि सीएम हाउस पहुंचने वाले सभी विधायकों का कहना है कि वे पूरी तरह से एकजुट हैं। कहीं बाहर नहीं जा रहे हैं, लेकिन तस्वीर कुछ अलग कहानी बयां कर रही है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का ट्वीट भी आया है. जिसमें उन्होंने लिखा, ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा के सूत्रों के मुताबिक कुछ विधायक सुबह दो बजे छत्तीसगढ़ पहुंचे. ज्यादातर विधायक जाने से कतरा रहे हैं और झामुमो के वरिष्ठ नेता बसंत सोरेन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. विधायकों के लिए कुछ बसें रांची में खड़ी हैं.
दरअसल झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक पद के अयोग्य ठहराने का आदेश शनिवार को निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को भेज सकते हैं. राजभवन के सूत्रों ने यह जानकारी दी. इन खबरों के बीच सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन आगे की रणनीति बना रहे हैं.

इन सबके बीच रायपुर से खबर है कि झारखंड के विधायकों को छत्तीसगढ़ लाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। सभी विधायकों को सामान के साथ सीएम आवास पर बैठक में बुलाया गया है। सूत्रों के मुताबिक विधायकों के रुकने की व्यवस्था नया रायपुर के होटल मेय फेयर में किया जा रहा है।

 

 

 

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