DGP के सामने लड़कियों ने खोली पुलिस की पोल

बापू सभागार भवन में बिहार पुलिस सप्ताह के अंतिम दिन बुधवार को डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने एक दर्जन स्कूल-कॉलेजों से जुटे 1200 छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद किये। इस दौरान छात्राओं ने पुलिस की गश्ती पर सवाल उठाया तो किसी ने थाने में केस दर्ज करने में पैरवी की पोल खोल दी। छेड़खानी पर पुलिस कार्रवाई से लेकर घूसखोरी तक की बात उजागर हुई।

सवालों की बौछार पर डीजीपी बोल पड़े कि लड़कियों को घुट कर नहीं जीना। आप शिकायत करें पुलिस कार्रवाई करेगी। शहर के चौराहे, गलियों से लेकर स्कूल-कॉलेज के गेट पर घूमने वाले शोहदों पर ऐसी कार्रवाई होगी, जिसके बाद वह आसपास नजर नहीं आयेंगे।


उन्होंने मौके पर ही डीआइजी राजेश कुमार को जिम्मेदारी सौंपी की, डीजीपी के नाम से एक बॉक्स तैयार किया जाए। बॉक्स हर दिन किसी न किसी महिला कॉलेज और स्कूल भेजा जाए। छात्राएं ऐसे असामाजिक तत्वों का नाम, मोबाइल नंबर लिखकर बॉक्स में डालें। हम उन्हें पकड़कर जेल भेजेंगे।

इस दौरान मंच पर एडीजी विनय कुमार, डीजी अरविंद पांडेय, एडीजी जितेंद्र कुमार, एआइजी अरविंद ठाकुर, आइजी अनिल किशोर यादव, आइजी रजत संजय, जोनल आइजी सुनील कुमार, डीजाइजी राजेश कुमार, एसएसपी गरिमा मलिक मौजूद रहीं।

डीजीपी ने सभी छात्राओं के सवालों को डायरी में दर्ज किया। उन्होंने कहा कि डीआइजी और एसएसपी को निर्देश दिया जा रहा है कि लफंगों के खिलाफ अभियान शुरू करें। छात्राओं से कहा कि सब मिलाकर बात यहीं है कि आप गुंडों से परेशान है और सुरक्षा का अभाव महसूस कर रही है।

डीजीपी ने कहा कि आप सभी ऐसे मामलों में चुप रहकर कुछ न सहें। आगे बढ़ें। पुलिस आपके साथ है। देखते है कैसे और कौन थाने की पुलिस कार्रवाई नहीं करती है। शिकायत को अनसुना करने वाले थानेदारों पर सीधी कार्रवाई होगी और दोबारा थाना भी नहीं मिलेगा। 

 

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