ससुर-दामाद की राजनीति में फंसा गिरिडीह क्षेत्र

लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के बीच गठबंधन होने के बाद गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र की राजनीति गरमा गई है। भाजपा द्वारा अपनी सिटिंग सीट गिरिडीह को आजसू प्रमुख सुदेश महतो को साैंप दिए जाने के बाद वर्तमान सांसद रवींद्र पांडेय और उनके समर्थक अंदर ही अंदर उबल रहे हैं। पांडेय ने गिरिडीह से झामुमो का टिकट हासिल करने के लिए अंदरखाने गोटी सेट कर रहे हैं। दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा खेमे में भी ससुर पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो और दामाद पूर्व मंत्री जय प्रकाश भाई पटेल की राजनीति उबाल मार रही है। इससे झामुमो में टिकट के प्रबल दावेदार विधायक जगन्नाथ महतो टेंशन में हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में महतो झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़े थे और महज महज 40, 313 मतों से चूक गए थे। 

पूर्व मंत्री जय प्रकाश भाई पटेल मांडू से विधायक हैं। उनके पिता टेकलाल महतो 2004 के लोकसभा चुनाव में झामुमो के टिकट पर गिरिडीह से सांसद चुने गए थे। पटेल अपने पिता के निधन के बाद उनकी परंपरागत विधानसभा सीट मांडू से झामुमो के विधायक हैं। अब गिरिडीह से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। पटेल के ससुर मथुरा प्रसाद महतो गिरिडीह संसदीय क्षेत्र के टुंडी से विधायक रह चुके हैं। वे भी झामुमो से टिकट के लिए अंदरखाने प्रयासरत हैं। खुद न मिलने की स्थिति में अपने दामाद को चुनाव लड़ते देखना चाहते हैं। जय प्रकाश भाई पटेल कहते हैं-मेरे पिता गिरिडीह का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। पार्टी ने टिकट दिया तो गिरिडीह में झामुमो का झंडा फहरा देंगे। पटेल ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन से मुलाकात कर अपनी बात रखी है।

इधर दूसरी ओर पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो ने साफ किया है कि वे विधान सभा चुनाव की तैयारी में हैं। यदि पार्टी उनसे गिरिडीह सीट पर किसी के नाम का प्रस्ताव मांगती है तो वे जयप्रकाश का नाम सामने रखेंगे। महतो ने साफ कहा कि यदि उन्हें पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाया जाता है तो उन्हें चुनाव लडऩे में कोई हर्ज नहीं है।वहीं विधायक जगन्नाथ महतो अपनी उम्मीदवारी को लेकर निश्चिंत हैं। उन्होंने गिरिडीह संसदीय क्षेत्र का भ्रमण भी करना शुरू कर दिया है। गुरुवार को उन्होंने टुंडी और बाघमार क्षेत्र में लोगों से संपर्क किया। 

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