श्रीमती कविता विकास के द्वारा लिखित गजल संग्रह बिखरे हुए पर का लोकार्पण हुआ।

गोमो। सोनोटल होटल के सभागार में डीएवी पब्लिक स्कूल कोयला नगर धनबाद के वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती कविता विकास के द्वारा लिखित गजल संग्रह “बिखरे हुए पर “का लोकार्पण हुआ। डॉ कविता विकास डीएवी पब्लिक स्कूल कोयला नगर में हिंदी की वरिष्ट शिक्षिका हैं।

उनके पति विकास कुमार बीसीसीएल कोयला भवन में महाप्रबंधक के पद पर हैं। आज होटल सोनोटल धनबाद के सभागार में हिंदी साहित्य के नामचीन हस्तियों के बीच, डॉ कविता विकास के प्रसिद्ध एवं नवीनतम गजल संग्रह “बिखरे हुए पर” का अनावरण हुआ।

इस अवसर पर आईआईटी धनबाद के मैनेजमेंट विभाग के अवकाश प्राप्त निदेशक डॉ प्रमोद पाठक ,डीएवी पब्लिक स्कूल झारखंड जोन के भूतपूर्व रीजनल ऑफिसर डॉक्टर केसी श्रीवास्तव एवं धनबाद के हिंदी साहित्य के प्रबुद्ध बुद्धिजीवी एवं साहित्यकार श्री मनमोहन पाठक जी, इंडियन ऑयल के सेवानिवृत्त जनरल मैनेजर अशोक कुमार जी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

डॉo कविता विकास जी ने अब तक दो कविता संग्रह एक निबंध संग्रह 8 साझा कविता संग्रह और कुल 6 साझा गजल संग्रह प्रकाशित करवा चुके हैं। दैनिक समाचार पत्रों में नियमित स्तंभकार के रूप में भी श्रीमती कविता विकास धनबाद का एक जाना पहचाना चेहरा है। डॉo कविता विकास जी के कृतियां धन्यवाद एवं झारखंड के प्रतिष्ठित साहित्य और लघु पत्रिकाओं में कविता कहानी और लेख निरंतर प्रकाशित होते रहे हैं। श्रीमती कविता विकास जी का कोल इंडिया लिमिटेड ,स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सीबीआई, धनबाद के अनेकों विद्यालय ,रेडियो स्टेशन में कवि सम्मेलन तथा अनेक संस्थानों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच संचालिका का भी काम बखूबी निभाती आई है।

औद्योगिक क्षेत्र के महिला उत्पीड़न के उन्मूलन समिति के सक्रिय सदस्य भी हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में गरीब तबके के लिए कल्याणकारी योजनाओं में संगलगन रही हैं। इन्हें दूरदर्शन और आकाशवाणी से कविता पाठ और परिचर्चा के लिए हमेशा आमंत्रित किया जाता रहा है। ग़ज़ल संग्रह “बिखरे हुए पर “मैं कुल 90 गजलों का समागम है। जीवन के विभिन्न पहलुओं समाज में नारी की स्थिति आज के इंसान की मनोवृति इन सारी विधाओं का जिक्र इस गजल संग्रह में है। कविता विकास जी एक बहुत ही प्रतिभाशाली व्यक्तित्व की स्वामिनी है।

कविता विकास जी के गजल में मुद्दे रूमानी तथा जीवन की विसंगतियों के प्रति संवेदना उनकी इस कृति में बखूबी रूप से रूबरू कराती है।साहित्य जगत में कविता विकास एक स्थापित साहित्यकार हैं।कार्यक्रम का मंच संचालन पवन कुमार पांडे ने किया वहीं समारोह का धन्यवाद ज्ञापन डॉ विकास कुमार ने किया।

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