झूठ को सच बनाने में लगे हैं लोग
अपनी नाकामी छुपाने में लगे हैं लोग।
देश की आज़ादी में जिनका कोई हाथ नहीं
ऐसे लोगों का इतिहास लिखाने में लगे हैं लोग
मुल्क के रहनुमा का कतल कर दिया जिसने
वैसे कातिल को मसीहा बताने में लगे हैं लोग
अब तो इंसाफ की उम्मीद कर नहीं सकते
हक की आवाज़ दबाने में लगे हैं लोग
नफरत के शोले देश में फैलाकर
हिन्दू मुस्लिम को लड़ाने में लगे हैं लोग
झूठ का महल आसमां में बनाकर ऐ निशार
दजजाल के फितनो का आसार दिखाने में लगे हैं लोग।
नसीम अख्तर , निशार
हरिहरपुर गोमो , धनबाद , झारखंड ।