पेलावल उत्तरी व पेलावल दक्षिणी पंचायत में 12 वर्षों से ग्राम सभा नदारद
हजारीबाग। झारखंड पंचायत राज अधिनियम,2001 एवं झारखंड पंचायत निर्वाचन नियमावली,2001 को ताक पर रखकर पेलावल उतरी एवं पेलावल दक्षिणी के दोनों मुखिया द्वारा मनमानी हो रही है। उक्त बातें एम.हक भारती
संस्थापक सह संयोजक
पेलावल विकास मंच ने कही उन्होंने बताया कि ग्राम सभा को अधिनियम 2001 में पंचायत राज की रीढ़ की हड्डी मानी गई है। परंतु इस रीढ़ की हड्डी को तोड़-मोड़ कर इतने फ्रैक्चर कर दिए गए हैं कि इसका इलाज कर पाना शायद किसी चिकित्सक के बस के बाहर है। बताया कि गत 12 वर्षों में एक बार भी ग्राम सभा की बैठक नही की गई है। जबकि धारा 6 बैठकों का संयोजन (1) में उल्लेखित है कि बैठक की सूचना ग्राम पंचायत कार्यालय के सूचना पट्ट में चिपका दी जाएगी एवं प्रसार माध्यम (यथा डुगडुगी, ढोल,एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र) के द्वारा पर्याप्त रूप से जनता के बीच प्रचारित की जायेगी। सूचना से संबद्ध इस नियम का पालन आज तक नही किया गया। जबकि ग्राम सभा के बिना कोई भी विकास कार्य पंचायतों में किया जाना संभव है ही नहीं। फिर विकास कार्य हुए कैसे? जैसे सड़क,नाली, आदि-आदि अन्य कार्य हुए मतलब स्पष्ट है कि ग्राम सभा की बैठकों को टेबल पर कागज कलम से अपने सहयोगियों के हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान लगवाकर ग्राम सभा की बैठकों की खानापूर्ति कर दी जाती है।
पेलावल विकास मंच द्वारा दोनों मुखिया को पिछले लगभग आठ वर्षों से मौखिक एवं सोशल मीडिया के माध्यम से इन्हें ग्राम सभा करवाने की आग्रह की जाती रही किंतु ये मनमानी करते रहे। इस बार दोनों मुखिया को मंच की ओर से ग्राम सभा का आयोजन कराने हेतु मांग पत्र सौंपी जा चुकी है। अगर इस बार ग्राम सभा का आयोजन नियमतः नहीं कराया गया तो मंच की ओर से आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा। जैसे मुखिया के आवास के सामने धरना-प्रदर्शन फिर समाहरणालय के समक्ष उपवास आदि करना तय है।