जेडीयू में किंग महेंद्र के निधन से खाली सीट पर मंथन

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
पटना. जेडीयू के राज्यसभा सांसद और मशहूर उद्योगपति रहे किंग महेंद्र के आकस्मिक निधन के बाद खाली हुई सीट पर पार्टी का उम्मीदवार कौन होगा, इसे लेकर जेडीयू का शीर्ष नेतृत्व मंथन कर रहा है. जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व के लिए फैसला करना आसान नहीं होगा क्योंकि इस सीट के कई दावेदार हैं और सभी की दावेदारी काफी मजबूत है. चुकि किंग महेंद्र भूमिहार जाति से ताल्लुक रखते थे, ऐसे में पार्टी जातिगत फैक्टर का भी ख्याल रखना चाहती है. ऐसे में हम आपको बताते हैं उन नामों के बारे में जो इस सीट के दावेदार और क्यों इन सभी की दावेदारी राज्यसभा के लिए मजबूत है.
दिल्ली की सियासत में जेडीयू के बड़े चेहरे के तौर पर केसी त्यागी की पहचान मानी जाती है. वो पार्टी की राय को मुखरता से राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाते हैं. केसी त्यागी इसके पहले 2013 में उपचुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा जा चुके हैं. त्यागी भूमिहार जाति से आते हैं और ये जाति इस वक़्त बिहार की सियासत में काफी अहम हो गई है. भूमिहारों पर पर जेडीयू की नजर भी है, इस वजह से भी उनकी दावेदारी प्रबल मानी जा रही है.

जेडीयू के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी अनिल हेगड़े की पहचान शांति से काम करने वाले नेता के तौर पर मानी जाती है जो बिना लाइम लाइट में आए पार्टी के लिए काम करने के लिए जाने जाते हैं. वो पिछले कई वर्षों से संगठन के साथ-साथ चुनावों की निगरानी में लगे हुए हैं. हेगड़े को नीतीश कुमार का करीबी भी माना जाता है और सालों से काम करने की वजह से उन्हें नीतीश कुमार इनाम भी दे सकते हैं. हेगड़े मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं.
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद का नाम भी इस रेस में आगे चल रहा है. उनकी दावेदारी इस वजह से मजबूत मानी जा रही है क्योंकि हाल में ही अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव में जेडीयू को अच्छी सफलता मिली है. इस सफलता में आफाक की भूमिका भी महत्वपूर्ण मानी जाती है. वो सालों से जेडीयू को मजबूत बनाने में अपना योगदान देते आए हैं. उन्हें राज्यसभा भेज जेडीयू मुस्लिम समुदाय को बड़ा मैसेज देने की कोशिश भी कर सकता है.

एक मजबूत चर्चा स्वर्गीय किंग महेंद्र के भाई भोला शर्मा की भी हो रही है. सूत्र बताते हैं कि अगर भोला शर्मा ने दावेदारी ठोंकी तो JDU में उनकी दावेदारी सबसे मजबूत हो सकती है और जेडीयू के लिए उनकी दावेदारी नकारना आसान भी नहीं होगा. खबर है कि भोला शर्मा भी इस वक़्त पटना में ही हैं लेकिन अभी तक इनकी दावेदारी सामने नहीं आई है जिस पर JDU की निगाहें भी टिकी हुई हैं. बहरहाल राज्यसभा के लिए जेडीयू का उम्मीदवार कौन होगा इसका पत्ता कभी भी खुल सकता है और फैसला अंतिम तौर पर नीतीश कुमार को ही लेना है.

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