बिरनी : प्रखण्ड के झरखी गांव में मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगों ने बिरनी पुलिस के समक्ष दबाव बना कर विवादित स्थल पर ही ईद की नमाज पढ़ने की जिद की थी।जिसके बाद पुलिस झरखी गांव पहुंच कर हिंदुओं को हिदायत देते हुए कहा मुसलमान सम्प्रदाय के लोग मंगलवार को उस विवादित स्थल पर ईद की नमाज अदा करेंगे किसी तरह का कोई विवाद नहीं होना चाहिए आदि कोई कुछ करता है तो उसे अंदर कर देंगे। ग्रामीण ने इसे आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हम सब भी उसी विवादित स्थल( जंगल विभाग की जमीन पर बने शिव मंदिर) पर अक्षय तृतीया के अवसर पर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे तो पुलिस ने ऐसा करने से हिन्दू समाज को साफ मना कर दिया एवं हिदायत दिया कि हनुमान चालीसा का पाठ किया तो सबको अंदर कर देंगे। ग्रमीणों ने पुलिस पर एकतरफा फैसला करने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया। ग्रामीणों ने नमाज नहीं अदा करने की लिखित शिकायत थाना प्रभारी अमरजीत सिंह की दिया तो उन्होंने ग्रामीणों का शिकायत लेने से यह कहते मना कर दिया कि मुस्लमान सम्प्रदाय के लोग उसी विवादित स्थल पर 45 मिनट तक नमाज अदा करेंगे । बाद में ग्रामीण एसडीओ के पास शिकायत लेकर गए । एसडीओ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल पुलिस बल भेज कर विवादित स्थल पर नमाज अदा करने से रोका गया। इसका बाद भी मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगों ने उसी स्थल पर नमाज अदा करने की जिद ठानी बाद में प्रशासन के सहयोग से विवादित स्थल के सामने सड़क पर नमाज अदा किया गया।
क्या है पूरा मामला :
बता दें कि झरखी गांव में दो सम्प्रदाय के लोग रहते हैं । वर्ष 2014 में दोनों सम्प्रदायों एंव वन समिति के साथ बैठक कर वन भिभाग की जमीन पर हिंदुओं के लिए शिव मंदिर एवं मुसलमानों के लिए ईदगाह बनाया था। बाद में मुसलमानों ने जलसा स्थल के लिए उसी ईदगाह के बगल में जमीन अतिक्रमण किया । 21 अगस्त 2021 में हिन्दू समाज के विरोध के बाद तत्कालीन डीएफओ प्रियेश अग्रवाल, रेंजर एस के रवि, प्रखण्ड विकास प्रभारी सुनील कुमार वर्मा तथा थाना प्रभारी शर्मनन्द सिंह ने तीनों ही धार्मिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कराया था एवं हिदायत दिया था कि कोई भी धार्मिक कार्य इस स्थल पर नहीं किया जाएगा।
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