एनजीटी के रोक के बावजूद धड़ल्ले से बालू का हो रहा है उठाव, प्रशासन अनभिज्ञ 

मनीष बरणवाल 

जामताड़ा : मानसून के कारण बीते 10 जून से एनजीटी का आदेश से बालू के खनन पर पूरी तरह रोक है। इसके तहत 15 अक्टूबर तक किसी भी नदी से बालू का उठाव नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद जामताड़ा जिले में एनजीटी के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। केसरी घाट और कुलडंगाल घाट के बीच अजय नदी पर करोड़ों की लागत से बन रहे बड़े पुल के निर्माण में एनजीटी के नियमों की अनदेखी की जा रही है। बता दें कि नाला और जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय पुल की मांग लोग वर्षों से कर रहे थे, जिसे पूरा करते हुए राज्य सरकार ने यहां पुल निर्माण की स्वीकृति दी। एनजीटी का आदेश लागू होने से पहले ही पुल निर्माण का कार्य शुरू हो गया था। निर्माण कंपनी द्वारा केसरी घाट पर प्लांट बनाया गया है, जहां निर्माण से जुड़े ठेकेदार के पास एक छटाक बालू का स्टॉक भी नहीं था। इसके बावजूद वहां पर काम चल रहा है। जिससे साफ है कि एनजीटी के आदेश को भी ये लोग गंभीरता से नहीं ले रहे है। अजय नदी अपनी गुणवत्तापूर्ण बालू के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां का बालू राज्य ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी भेजा जाता है। ऐसे में इस नदी पर पुल बनाने वालों के लिए बालू की उपलब्धता काफी आसान हो जाती है। जहां से जरूरत हो वहां से बालू उठा सकते हैं, लेकिन एनजीटी के रोक के बावजूद बालू खनन करना प्रशासन को गंभीरता से नहीं लेना दर्शाता है। एनजीटी लागू होने के बाद नदी में कहीं से भी बालू उठाव पर पूरी तरह रोक है।इसका सीधा मतलब यह है कि ठेकेदार एनजीटी का आदेश लागू रहने के दौरान भी नदी से बालू उठाव कर अपना काम कर रहा है। जिले के लगभग सभी बालू घाटों की बंदोबस्ती हो चुकी है। एनजीटी के कारण किसी भी घाट में काम शुरू नहीं हुआ है, लेकिन एनजीटी समाप्त होने के बाद इन सभी घाटों से बालू का उठाव शुरू हो जाएगा। अपना घर बनाने के लिए ट्रैक्टर भर बालू चुराना तो समझ में आता है, लेकिन सरकारी नियमों की अनदेखी कर बड़े सरकारी प्रोजेक्ट में काम जारी रखना समझ से परे है। इसमें सबसे अहम बात यह है कि खनन विभाग हो या जिला प्रशासन या निर्माण से संबंधित विभाग यानी विशेष प्रमंडल भी इसे लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिख रहा है।इस संबंध में पूछे जाने पर जिला खनन पदाधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि मेरे द्वारा अब तक उक्त घाट से संबंधित कोई लाइसेंस निर्गत नहीं किया गया है। इस संबंध में हमें कोई आवेदन भी नहीं मिला है। अगर कोई एनजीटी के दौरान नदी से बालू का उठाव कर रहा है तो यह गलत है और जांच का विषय है। डीएमओ ने कहा कि इस मामले की जांच कर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

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