ददन यादव बोले: यादव कुल बचाने को तेजस्वी की शादी ऐश्वर्या से कराइए

लालू यादव को यादव कुल का हवाला देते हुए जदयू विधायक ददन यादव ने एक अजीबोगरीब सलाह दे दी है. ददन यादव उर्फ़ ददन पहलवान बक्सर के डुमरांव के विधायक हैं. ददन पहलवान ने कहा है कि लालू यादव को अब अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव से ऐश्वर्या राय की शादी करा देनी चाहिए. सबों को पता है कि ऐश्वर्या की शादी पिछले साल मई महीने में लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के साथ हुयी थी. पर अब तेज प्रताप पत्नी ऐश्वर्या के साथ नहीं रहना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने कोर्ट में ऐश्वर्या से तलाक लेने की अर्जी दायर कर रखी है. सुलह-सपाटे की कोशिशें अबतक नाकाम रही हैं.

ददन पहलवान आज 5 मार्च को बक्सर में मीडिया से मुखातिब थे. दूसरे मुद्दों पर बात करते-करते ददन पहलवान लालू यादव की बहू ऐश्वर्या राय के मुद्दे पर आ गए. उन्होंने यादव कुल की परम्पराओं का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि यह परंपरा बहुत दिनों से चली आ रही है कि जब परिवार का कोई लड़का साधु-महात्मा बन जाता है, तो उसकी ब्याही हुयी पत्नी की शादी छोटे बेटे के साथ करा दी जाती है.

ददन ने कहा कि ऐसी ही स्थिति लालू यादव के परिवार में है. उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव साधु-महात्मा बनने की ओर अग्रसर हैं. ऐसे में वे ब्याही हुयी पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ नहीं रहना चाहते हैं. उन्होंने इस बारे में बार-बार कहा है कि ऐश्वर्या के साथ हमें नहीं रहना है. ऐश्वर्या राय भी कोई मामूली परिवार से नहीं हैं. उनके पिता चंद्रिका राय स्वयं विधायक हैं और दादा दारोगा प्रसाद राय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं. इसलिए ऐश्वर्या को मझधार में नहीं छोड़ा जा सकता है.

उन्होंने कहा कि लालू यादव के पास आप्शन है. यह आप्शन इस रूप में है कि उनके छोटे बेटे और बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव अभी कुंवारे हैं. इससे बेहतर क्या होगा कि तेजस्वी यादव की शादी ऐश्वर्या राय से करा दी जाए. दोनों परिवारों में खुशियां आ जायेंगी.

जदयू विधायक ने लालू यादव के उस ट्वीट पर भी तंज कसा है, जिसमें कहा गया था कि नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए जितने लोग गांधी मैदान में आये थे, उतने लोग तो तब खड़े हो जाते हैं, जब वे पान खाने के लिए कहीं रुकते हैं. ददन यादव ने इसपर कहा कि मैनें लालू यादव को पान खाने के लिए पटना के डाकबंगला चौराहे पर रुकते हुए देखा है. वे गाड़ी में बैठे होते थे और दस-बीस लोग इकठ्ठा हो जाते थे. ऐसा तो हर पान दुकान पर होता है.

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