क्रेसर से उड़ रही धूल , राहगीर परेशान, वायु हो रहा है प्रदूषण फिर भी विभाग है मौन

रिपोर्ट- अविनाश मंडल

पाकुड़/पाकुड़। इन दिनों कानून को ताक में रखकर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए क्रशर का संचालन करना आम बात हो गई है। मामला सदर प्रखंड के रामनगर, मालपहाड़ी,पीपरजोड़ी एवं खपराजोला मौजा में संचालित क्रासरों की है। नियम के मुताबिक क्रसर के आस पास पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि प्रदूषण कम हो लेकिन क्रेसर मालिकों के द्वारा पेड़ पौधे सिर्फ दिखावे के लिए लगाया गया।

क्रसर के चारों तरफ घेराबंदी होनी चाहिए, मगर सभी क्रेसरों में अब तक घेराबंदी नहीं किया गया है आखिर क्यों? क्रसर संचालित स्थल पर पानी का झरना होना चाहिए ताकि धूल कण से वायु प्रदूषण न हो, मुख्य सड़क पर नियमित पानी का छिड़काव होना चाहिए। इन सभी नियमों को दरकिनार कर मालिकों द्वारा क्रसर का संचालन किया जा रहा है।

बहिरग्राम,रामनगर, मालपहाड़ी, खपराजोला एवं पीपरजोड़ी के दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि बहिरग्राम से लेकर खपराजोला तक आने जाने में क्रासर से उड़ रही धूल से ग्रामीणों के साथ साथ राहगीर भी परेशान हो जाते है। इनके धूल से खांसी होनी लगती है।

चिकित्सक के मुताबिक क्रासर के धूल से कई तरह की बीमारी हो सकती है। जिले के कई पदाधिकारियों का इन सड़क पर आना जाना रहता है। इन सबको जानते हुए भी पदाधिकारी मौन रहते है आखिर माजरा क्या है? संबंधित विभाग को इस विषय पर अमल करनी चाहिए ताकि ग्रामीण शकुन से रह सके एवं राहगीर शुद्ध वायु में सफर कर सके।

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