राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ पर कांग्रेस का जोरदार हमला

दिल्ली व्यूरो
नई दिल्ली: कांग्रेस ने राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए मंगलवार को दावा किया कि सरकार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष से परेशानी इसलिए है कि उन्होंने किसानों, नौजवानों, मजदूरों की आवाज उठाई तथा कोरोना संकट एवं सीमा पर चीन की आक्रमकता को लेकर मोदी सरकार को घेरा.
सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी मीडिया और वाट्सएप यूनिवर्सिटी का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी उद्योगपतियों के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं और उन्हें विदेशों में ठेके दिला रहे हैं. उन्होंने कहा, क्रोनोलॉजी समझिए कि बीजेपी ने हमला बोला है क्योंकि राहुल गांधी आप जनता की आवाज उठाते हैं. राहुल उनकी आंखों में आंखें डालकर उनकी सरकार पर सवाल उठाते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला सिर्फ राहुल और कांग्रेस पर नहीं बेरोजगारों और गरीबों पर है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब कोई प्राथमिकी ही दर्ज नहीं है तो फिर पूछताछ के लिए कैसे बुलाया जा सकता है. यह पूरी कार्रवाई असंवैधानिक और प्रतिशोध की राजनीति से प्रेरित है.” उन्होंने सवाल किया, ‘‘आखि़र भाजपा के निशाने पर राहुल गांधी और कांग्रेस ही क्यों? क्या ईडी की कार्रवाई जनता के मुद्दे उठाने वाली मुखर आवाज़ को दबाने का षडयंत्र है?”
सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘जब चीन ने हमारे देश की सरज़मीं पर जबरन कब्ज़ा किया और हमारे जवान शहीद हुए, तो देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘न कोई घुसा है, न कोई आया है’. उस समय राहुल गांधी ने सरकार को इस झूठ पर घेरा और शहीद जवानों के लिए आवाज़ उठाई. इसलिए राहुल गांधी से उन्हें परेशानी है.”
उन्होंने कहा, ‘‘महंगाई से हो रही जनता की बदहाली पर राहुल गांधी ने लगातार सरकार को घेरा. पेट्रोल-डीज़ल हो, रसोई गैस हो, खाने-पीने का सामान हो, उन्होंने लगातार देश के मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा, गरीबों, छोटे दुकानदारों, छोटे व्यापारियों के पक्ष में जोरदार आवाज़ उठाई. इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है.”
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कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, ‘‘डूबती अर्थव्यवस्था और गिरते रुपये को लेकर, एमएसएमई की बदहाली को लेकर, छिनती नौकरियों को लेकर, चौतरफा बेरोजगारी को लेकर, युवाओं के गुस्से को लेकर राहुल गांधी ने लगातार आवाज़ उठाई. इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है.”
उनके अनुसार, ‘‘कोरोना में जब सरकार ने अपनी ज़िम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया, उस समय राहुल गांधी ने न केवल सरकार को चेताया, बल्कि सरकार को देर से ही सही, कदम उठाने के लिए मजबूर किया. इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है.” सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने देश के अन्नदाता की आवाज़ उठाई और तीन ‘‘काले कानूनों” को वापस लेने के लिए मोदी सरकार को मजबूर कर दिया इसलिए उनसे इस सरकार को परेशानी है.
उन्होंने दावा किया, ‘‘देश में नफ़रत के माहौल के खिलाफ़ और भाईचारे व अनेकता में एकता के विचार के लिए एकमात्र आवाज़ जिसने सरकार की आंख में आंख डालकर कहा कि नफ़रत से देश का भला नहीं होगा, वह राहुल गांधी हैं. इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है.”
सुरजेवाला ने यह दावा भी किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी कभी निजी कंपनियों के नुमाइंदे बन फ्रांस में राफेल का ठेका दिलवाते हैं, तो कभी निजी कंपनी को श्रीलंका में बिजली का ठेका देने का दबाव डालते हैं. राहुल गांधी ने मुट्ठीभर उद्योगपतियों और मोदी सरकार के इस गठजोड़ को बेनकाब किया. इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है.”
उन्होंने कहा, ‘‘देशवासियों, इस क्रोनोलॉजी को समझिए. मोदी सरकार ने बौखला कर ‘‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट” (ईडी) के पीछे छिपकर सत्यनिष्ठा की आवाज पर हमला बोला है. ये हमला विपक्ष की उस निर्भीक आवाज़ पर है जो जनता के सवालों को सरकार के सामने दृढ़ता से रखती है, जो जनता के मुद्दों को भयमुक्त होकर उठा रही है.”
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘यह हमला उस निर्भीक आवाज़ पर है. यह हमला जनता के मुद्दों पर है. यह हमला बेरोज़गारों, गरीबों, छोटे दुकानदारों व व्यापारियों, मध्यम वर्ग व नौकरीपेशा, महिलाओं, दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों के अधिकारों व संविधान से जुड़े सवालों पर है.” उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘हम न डरेंगे, न झुकेंगे, न दबेंगे, देश के लिए लड़ते रहेंगे.”

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