रघुवर सरकार द्वारा किये जा रहे ट्रांसफर-पोस्टिंग पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई

लोकसभा चुनाव के पूर्व झारखंड सरकार द्वारा एक साथ बड़ी संख्या में किये जा रहे ट्रांसफर-पोस्टिंग पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी का एक प्रतिनिधिमंडल आज मंत्रीमंडल निर्वाचन विभाग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल ख्यांते से मिला एवं एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में राजेश ठाकुर, राजीव रंजन प्रसाद, आलोक कुमार दूबे, रवीन्द्र सिंह, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं अमिताभ रंजन शामिल थे।

बड़े पैमाने पर हो रहे पदाधिकारियों का स्थानांतरण और पदस्थापन पर चुनाव आयोग की ओर से रोक लगाने की मांग करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के नेताओं ने कहा कि एक तरफ वर्षों से एक ही स्थान पर अधिकारी और कर्मचारी अपने पैरवी और पैसे के बल पर जमे हुए हैं तो दूसरी और कई ऐसे अधिकारी भी हैं जो छह-आठ महीने में कई बार स्थानांतरित किये गये हैं। 18 फरवरी को 50 कार्यपालक दंडाधिकारी एवं 44 डीएसपी के स्थानांतरण में इसी प्रकार की अनियमितता देखने को मिली है। कई अधिकारियों ने इस ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अपनी आपबीती पीड़ा भी सार्वजनिक की है। राज्य में पदाधिकारियों का स्थानांतरण और पदस्थापन जाति के आधार पर किया जा रहा है जो काफी चिंतनीय है।

पिछले दिनों केन्द्रीय चुनाव आयोग ने अपने रांची दौरे के क्रम में यह स्पष्ट निर्देश दिया था कि तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थापित अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थानांतरित किया जाए। लेकिन राज्य सरकार ने ठीक इसके विपरित कार्य किया। कई शीर्ष पदों पर अब भी तीन वर्षो से ज्यादा समय से पदाधिकारी पदस्थापित हैं। राज्य सरकार ने ट्रांसफर पोस्टिंग को एक बार फिर से उद्योग के रूप में चालू कर दिया है। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इसमें भी राज्य सरकार जाति-धर्म-समुदाय को बढ़ावा देने का काम कर रही है। दरअसल राज्य सरकार की नीयत आने वाले लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने की है।

प्रतिनिधिमंडल ने एससी/एसटी व ओबीसी अधिकारियों को प्रताड़ित किये जाने पर विशेष ध्यान चुनाव आयोग को अकृष्ट कराया, जिसमें चुनाव आयोग ने गंभीरता से संज्ञान में लिया हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि धनबाद के वरीय आरक्षी अधीक्षक तथा नगर आरक्षी अधीक्षक जो गिरिडीह जिला के रहने वाले है। ऐेसे में उनका स्थानांतरण नहीं होना पूरी तरह से चुनाव को प्रभावित करेगा और इसी उद्देश्य से इन दोनों पुलिस अधिकारियों को धनबाद में ही रहने दिया गया है। जबकि गिरिडीह लोकसभा का दो विधानसभा टूंडी एवं बाघमारा धनबाद जिला में आता है।
प्रतिनिधिमंड ने मंत्रीमंडल निर्वाचन विभाग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल ख्यांते से राज्य सरकार के इस कृत्य पर तुरंत अंकुश लगाने एवं चुनाव आयोग के निर्देशों का शत प्रतिशत अनुपालन कराने की मांग की है।

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