गरीबों को 6 हजार सैलरी में एयर स्ट्राइक की काट देख रही कांग्रेस

देश के गरीब परिवारों को 6,000 रुपये मासिक की रकम देने के वादे से कांग्रेस को चुनाव में बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है। यही नहीं कांग्रेस को लगता है कि पुलवामा अटैक के जवाब में बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक से बीजेपी को जो बढ़त मिली थी, इससे वह खत्म हो जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस स्कीम को लेकर उठाए जा रहे सवालों के जवाब में कहा है कि इससे देश के वित्तीय संतुलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कांग्रेस ने इस स्कीम को ‘न्याय’ न्यूनतम आय योजना नाम दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘इसे लेकर पूरा कैलकुलेशन कर लिया गया है। इसके वित्तीय प्रभावों का भी आकलन कर लिया गया है। यह पूरी तरह से उपलब्ध हो जाएगी। इस स्कीम को अच्छे से चलाया जा सकता है।’ पार्टी को उम्मीद है कि इस घोषणा से बालाकोट स्ट्राइक के बाद जारी बीजेपी के आक्रामक कैंपेन से निपटा जा सकेगा। कांग्रेस को लगता है कि केंद्र सरकार को नौकरियों की कमी और खेती के संकट पर घेरा जा सकता है। हालांकि बीजेपी राष्ट्रवाद को उभारकर इन मुद्दों को दबाने की कोशिश में है।

राहुल गांधी ने जनवरी में ही एक रैली के दौरान ‘न्यूनतम आय के अधिकार’ की बात कही थी। अब उसके बारे में उन्होंने विस्तार से बात की है। कांग्रेस की ओर से इस स्कीम का ऐलान 2004 से 2014 तक की यूपीए सरकार की योजनाओं को विस्तार देने की ही तरह है। इस स्कीम के तहत 6,000 रुपये या उससे कम की आय वाले लोगों को कांग्रेस सत्ता में आने पर प्रति माह 6,000 रुपये देगी और मासिक आय 12,000 रुपये तक पहुंचने पर इस स्कीम का लाभ खत्म हो जाएगा। 

इस स्कीम के तहत कांग्रेस ने देश के सबसे गरीब 20 फीसदी यानी देश के 5 करोड़ परिवारों को शामिल करने की बात कही है। 5 करोड़ परिवारों का अर्थ एक तरह से 25 करोड़ लोगों से है। इस स्कीम को दो चरणों में लागू किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस स्कीम पर पहले साल में 1.8 लाख करोड़ रुपये की लागत आने की बात कही है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की योजना इस राशि को परिवार की महिला मुखिया के खाते में ट्रांसफर करने की है। 

कांग्रेस मान रही है कि उसे इस योजना का जमीनी फायदा इस रूप में मिल सकता है कि हालिया असेंबली चुनावों में कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा उठाया था। जिसे सरकार बनने के बाद तुरंत ही उसने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान में लागू कराया। धान का कटोरा कहे जाने वाले राज्य छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने धान के उचित मूल्य देने की बात कही थी। वहां सरकार ने धान की खरीद का मूल्य 2500 रुपये कर अपने वादे को पूरा किया। कांग्रेस मान रही है कि उसके साथ विश्वनीयता है, वह सिर्फ चुनाव में वादे ही नहीं करती, उस पर अमल भी करती है।

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