राजनीतिक संवाददाता द्वारा
पटना. बिहार में विधानपरिषद की 7 सीटें रिक्त हो रही हैं. इन सीटों के लिए इसी महीने चुनाव होना है. ऐसे में प्रदेश में एक बार फिर से चुनावी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने 3 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. राजद के इस कदम से कांग्रेस और भाकपा-माले बेहद नाराज है. इन दोनों दलों का कहना है कि राजद ने तीसरे प्रत्याशी को मैदान में उतारने को लेकर उनसे बातचीत तक नहीं की. तीसरे प्रत्याशी पर ये दोनों दल दावा ठोक रहे हैं. मौजूदा गणित को देखें तो राजद के पास 2 प्रत्याशियों को जिताने लायक संख्या बल है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि आरजेडी के तीसरे उम्मीदवार का क्या होगा? क्या राजद का तीसरा उम्मीदवार कांग्रेस और भाकपा-माले के समर्थन के बिना जीत सकेगा?
दरअसल, आरजेडी के तीसरे उम्मीदवार को जिताने लायक संख्याबल नहीं है. दूसरी तरफ, कांग्रेस और भाकपा-माले ने मिलकर अपना अलग उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है, ऐसे में राजद के तीसरे प्रत्याशी के जीतने पर ग्रहण लग सकता है. कांग्रेस प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने इस मसले पर कहा कि कांग्रेस और माले के पास एक उम्मीदवार को जिताने के लिए स्पष्ट आंकड़ा है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिन्हें हमारी जरूरत नहीं है, उनकी हमें भी जरूरत नहीं है. कांग्रेस माले के साथ मिलकर चौथा उम्मीदवार उतारेगी.
कांग्रेस और भाकपा-माले का आरोप है कि राजद ने उनसे संपर्क या बातचीत किए बिना ही तीसरे उम्मीदवार की घोषणा कर दी. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि आरजेडी का यह फैसला पूरी तरह से गलत है. राजद ने न तो माले और न ही कांग्रेस से इस मसले पर बातचीत की. अजीत शर्मा ने बताया कि कांग्रेस और भाकपा-माले मिलकर अपने एक प्रत्याशी को जिताने में समर्थ हैं. यदि आरजेडी नहीं मानती है तो कांग्रेस-माले की ओर से एक उम्मीदवार उतारा जा सकता है.
जुलाई में बिहार विधानपरिषद की 7 सीटें रिक्त होंगी. बिहार विधानपरिषद के 7 सदस्यों का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने जा रहा है. इन सभी सीटों के लिए 20 जून को चुनाव होगा. वीआईपी से पूर्व मंत्री मुकेश सहनी, बीजेपी से अर्जुन सहनी और जदयू से कमर आलम, गुलाम रसूल बलियावी, रोजिना नाजिश, सीपी सिन्हा और रणविजय सिंह का कार्यकाल समाप्त होगा.