प्रमोद भार्गव भारत में अब लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र एक समान यानी लड़कों के बराबर 21 वर्ष होने जा रही है।यह विधेयक कानून बनने के बाद सभी धर्मों और वर्गों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष में बदल देगा। देशभर में इस निर्णय का स्वागत प्रगतिशील सोच के लोग कर रहे हैं,लेकिन संकीर्ण सोच के लोगों की भी कमी नहीं है।दरअसल यह नियम सभी धर्म के लोगों पर समान रूप से लागू होगा।इसलिए खासतौर से मुसलमान इसे संविधान के अनुच्छेद-25 में मिली धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन मान रहे हैं। विरोध…
Read MoreCategory: विचार
किस्सा:मोदीजी और योगीजी के झूठे प्रचारों की
पंकज कुमार श्रीवास्तव उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव सर पर हैं,हिन्दू- मुसलमान,कब्रिस्तान-श्मशान, तालिबान-पाकिस्तान करने वाली भाजपा अभूतपूर्व दबाव में है।किसान आन्दोलन के दबाव में तीन काले कानूनों की वापसी ने साबित किया है कि मोदी-योगी अनुनय-विनय,प्रार्थना-अनुरोध की भाषा नहीं सुनते।यह जनता के डंडे की मार की भाषा ही समझते हैं।वह तभी किसी की बात सुनेंगे,जब सत्ता हाथ से निकल जाने का खतरा हो।पांच साल तो योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कुछ भी सकारात्मक-रचनात्मक-सृजनात्मक तो कुछ किया नहीं,अब उन्हें एक ही सहारा दिख रहा है-बेशर्मी और निर्लज्जता के साथ नेहरू गांधी परिवार के…
Read Moreआज़ाद को PCC अध्यक्ष के रूप में JK जाने के लिए कहा, उन्होंने मना कर दिया:संजय राउत से बोले राहुल गांधी
राहुल कुमार नई दिल्ली, 12 दिसंबर: कांग्रेस के साथ शिवसेना की बढ़ती नजदीकियों के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी ने उनसे कहा कि कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं को बहुत कुछ दिया है, जिनमें से कुछ जरूरत पड़ने पर पार्टी छोड़कर चले गए। राहुल ने राउत से यह भी कहा कि उन्होंने कभी किसी नेता का अपमान नहीं किया। राउत ने बताया,राहुल गांधी ने मुझसे कहा कि उन्होंने कभी किसी वरिष्ठ नेता का अनादर नहीं किया। रविवार को शिवसेना…
Read Moreकिसान आंदोलन : एक साल में बीजेपी ने क्या खोया, क्या पाया
अरविंद छाबड़ा एक साल से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर तीन विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में बैठे किसानों ने फ़िलहाल अपना आंदोलन स्थगित करने का एलान किया है. केंद्र सरकार ने उनकी पाँच माँगों पर उन्हें लिखित आश्वासन दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि अगले साल जनवरी से हर महीने सरकार के किए वादों और उस दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी. किसान नेता योगेंद्र यादव ने संयुक्त किसान मोर्चा के फ़ैसले को मीडिया से साझा करते हुए कहा, “किसान ने अपना खोया हुआ…
Read Moreबारदोली सत्याग्रह:शोषक और शोषित का साझा संघर्ष
पंकज कुमार श्रीवास्तव बीसवीं शताब्दीके पहले दशक(सन्1908के आसपास) में सूरत जिला(वर्तमान गुजरात और तब का बॉम्बे प्रेसीडेंसी)के बारदोली इलाकेके 137गांवोंकी आबादी 87000 थी।बारदोलीमें किसानोंमें प्रभावशाली जाति ‘कुनबी-पाटीदार’थी।लेकिन,पाटीदार किसानोंकी ज़मीन ‘दुबला आदिवासी’जोता करते थे,जिन्हें’कालिपराज’ भी कहा जाता था।कालिपराज जनजातिको’हाली पद्धति’के तहत उच्च जातियोंके यहाँ पुश्तैनी मज़दूरके रूपमें कार्य करना होता था।’हाली पद्धति’एक प्रकार की”बन्धुआ मजदूरी”थी,जिसे कापिलराज जनजातिके लोग करनेको विवश थे।उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय थी।इनकी आबादी बारदोली तालुकामें 60% थी। 1908ई.से ही भ्राताद्वय-कुंवरजी एवं कल्याणजी मेहता एवं दयालजी देशाई,केशवजी जैसे उनके साथी कालिपराज समुदायके लोगोंको संगठित करने और इनमें चेतना जगानेका…
Read Moreभारत-रूस के रिश्तों में मजबूती
क्रांति कुमार पाठक हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से दोनों देशों के पुराने रिश्तों को और मजबूती मिली है। दरअसल, भारत-रूस 21 वीं सालाना शिखर बैठक के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दिल्ली आना जाहिर करता है कि मास्को की निगाह में भारत की क्या अहमियत है। रूसी राष्ट्रपति ने भारत को यूं ही एक परखा हुआ मित्र नहीं कहा है, इस मित्रता ने पांच दशकों का अडिग सफर तय किया है। 9 अगस्त 1971 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व सोवियत संघ…
Read Moreकेंद्रीय राजनीति का लिटमस टेस्ट बनेंगे 13 राज्य
क्रांति कुमार पाठक दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अगले चंद महीनों में होने जा रहे 5 राज्यों के चुनावों के साथ फिर से इलेक्शन मोड में आ गया है। सच कहें तो भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जहां हर साल बल्कि हमेशा कहीं न कहीं और कोई न कोई चुनाव होते ही रहते हैं। इन पर होने वाले भारी भरकर खर्च के लिहाज से भले ही लोगों की अलग अलग राय हो, लेकिन जनता के द्वारा जनता के हाथों, जनता की हर स्तर की सरकार बनाने की जो…
Read Moreऑफ मैरिड माइंडस,’नामक पुस्तक ने सपना सोरेन को पहचान दी है .
प्रतिनिधि द्वारा मनुष्य अगर निरंतर मेहनत करते रहे तो उम्र किसी की भी प्रतिभा को निखारने में कभी भी बाधक नहीं बन सकता है. प्रतिभा की पहचान उम्र से नहीं किया जा सकता है.इसे सेल महाप्रबंधक बोलनी सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ टी सोरेन एवं बोलनी चिकित्सालय दन्त चिकित्सक डॉ माया मांझी की 22 वर्षीया सुपुत्री सदैव मेहनतरत रहने वाली छात्रा सपना सोरेन ने 19 वर्ष की उम्र में साबित कर दिखाया है. स्वरचित संग्रहित 80 कविताओं की, ‘ ऑफ मैरिड माइंडस ‘ नामक पुस्तक को प्रकाशित कर सपना ने…
Read Moreजन्मदिन 7दिसंबर पर विशेष: आमरा मोरबो,देश जागबे’का नारा देने वाले बाघा यतीन की
पंकज कुमार श्रीवास्तव ‘आमरा मोरबो,देश जागबे’यानि कि‘हम अपनी जान देंगे,तभी देश जागेगा’का नारा देने वाले बाघा जतीन (07दिसम्बर,1879-10सितम्बर,1915) के बचपन का नाम जतीन्द्रनाथ मुखर्जी(जतीन्द्रनाथ मुखोपाध्याय)था। कोलकाता पुलिस के डिटेक्टिव डिपार्टमेंट के हेड और बंगाल के पुलिस कमिश्नर रहे चार्ल्स टेगार्टने कहा था- “अगर बाघा जतिन अंग्रेज होते तो उनकी मूर्ति लंदन ट्रेफलगर स्क्वायर पर लगती.” जतीन्द्र नाथ मुखर्जी का जन्म जैसोर जिले में सन् 1879ई में हुआ था।पाँच वर्ष की अल्पायु में ही उनके पिता का देहावसान हो गया था। माँ ने बड़ी कठिनाई से उनका लालन-पालन किया।18वर्ष की आयु…
Read More5दिसंबर-रवीश कुमार के जन्मदिन पर विशेष:एक मुलाकात रवीश कुमार के साथ
पंकज कुमार श्रीवास्तव 5दिसम्बर,1974 को जब रवीश कुमार का जन्म ग्राम-जितवारपुर, मोतिहारी,जिला-पूर्वी चंपारण(बिहार) में हुआ होगा,तब मैं ए एन कालेज का विद्यार्थी था।तब बिहार आन्दोलन,जेपी आंदोलन या संपूर्ण क्रांति आंदोलन अपने पूरे शबाब पर था,और उसकी सबसे तेज तपिश पटना में महसूस की जा रही थी।पत्रकारिता जगत के तमाम नामचीन पत्रकार-धर्मयुग के धर्मवीर भारती, साप्ताहिक हिन्दुस्तान के मुरली मनोहर जोशी,अज्ञेय, रघुवीर सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी,कादम्बिनी में राजेन्द्र अवस्थी, लक्ष्मी नारायण लाल, सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,अपनी बौद्धिकता और कलम के तेवर से इस आन्दोलन को अपना-अपना समर्थन दे रहे थे।महादेवी वर्मा,अमृतलाल नागर,अमृत…
Read More