आज़ाद को PCC अध्यक्ष के रूप में JK जाने के लिए कहा, उन्होंने मना कर दिया:संजय राउत से बोले राहुल गांधी

राहुल कुमार
नई दिल्ली, 12 दिसंबर: कांग्रेस के साथ शिवसेना की बढ़ती नजदीकियों के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी ने उनसे कहा कि कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं को बहुत कुछ दिया है, जिनमें से कुछ जरूरत पड़ने पर पार्टी छोड़कर चले गए। राहुल ने राउत से यह भी कहा कि उन्होंने कभी किसी नेता का अपमान नहीं किया। राउत ने बताया,राहुल गांधी ने मुझसे कहा कि उन्होंने कभी किसी वरिष्ठ नेता का अनादर नहीं किया।
रविवार को शिवसेना के मुखपत्र “सामना” में प्रकाशित अपने साप्ताहिक कॉलम “रोकटोक” में राउत ने विस्तार से बताया कि हाल के दिनों में राष्ट्रीय राजधानी में राहुल और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ उनकी अलग-अलग बैठकों के दौरान क्या हुआ। हाल ही में कई सीनियर नेताओं के पार्टी छोड़ने को लेकर राउत ने राहुल गांधी से बात की। इस पर राहुल गांधी ने उन्हें बताया कि, इन वरिष्ठों को पार्टी ने बहुत कुछ दिया है। आज पार्टी को इन वरिष्ठों की जरूरत है तो वे एक अलग स्टैंड ले रहे हैं। मैं क्या कर सकता हूं? कैप्टन अमरिंदर छोड़कर चले गए। वह पंजाब के मुख्यमंत्री थे।
राहुल गांधी ने कहा कि, अमरिंदर के कार्यकाल में कांग्रेस का ग्राफ नीचे आया है। हमने एक ‘पोल’ किया था। उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में सिर्फ छह प्रतिशत लोगों ने पसंद किया, जो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं थे उन्हें अमरिंदर से ज्यादा तरजीह मिली। उन्हें यहां बुलाकर बताया गया। चुनाव में जनता से जो वादे किए उन्हें पूरा करें, ऐसा सुझाव दिया। उनका रेस्पॉस ठंडा था। कुछ तो करो, अन्यथा पार्टी को कार्रवाई करनी पड़ेगी।
राहुल ने बताया कि, हमारे इस बात को लेकर पार्टी के ‘वरिष्ठ’ नेता अमरिंदर के साथ हो गए। सख्त निर्णय न लें, ऐसा मुझसे कहने लगे, यदि कैप्टन अमरिंदर को हटाए नहीं होते तो पंजाब में कांग्रेस खत्म हो गई होती। इन वरिष्ठों का क्या किया जाए? मैंने कभी किसी का अपमान नहीं किया। गुलाम नबी आजाद की नाराजगी के सवाल पर राहुल गांधी ने यह जवाब दिया, मैंने उनका कौन-सा अनादर किया? कांग्रेस की वजह वे कई वर्षों तक पदों पर हैं। वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे। वहां उनका कार्यकाल खत्म हो गया तब मैंने उनसे बात की थी कि आप जम्मू-कश्मीर जाकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बन जाएं। चुनाव आ रहे हैं।आप वहां फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
राहुल ने बताया कि, उन्होंने जाने से इनकार कर दिया। वहां पार्टी का अस्तित्व ही नहीं है, ऐसा उनका कहना था। आजादजी उस प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, लेकिन उनकी नजर में, वहां कांग्रेस पार्टी का अस्तित्व ही नहीं है। अब वे वहां जनसभाएं कर रहे हैं। शिवसेना के नेता ने अपने स्तंभ में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अलग-अलग व्यक्तित्व के रूप में वर्णित किया, जिनकी कार्यशैली भी बहुत अलग है, लेकिन कहा कि उनके बीच एकमत है। राज्यसभा सदस्य ने कहा, दोनों के सामने कांग्रेस को फिर से मजबूत करने की बड़ी चुनौती है।

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