क्यों रहा बेगूसराय के बछवाड़ा में तेजस्वी का सभा फीका?

दोपहर के बारह बज रहे हैं और तमतमाती धूप से भरा यह मैदान. लोगों की तादाद इतनी ज़्यादा नहीं हुई कि इस छोटे से मैदान में धूप कमतर दिखे. हर कंधे पर गमछा है. धूप सीधी पड़ती है तो कंधे का गमछा सिर पर आ जाता है. महिलाएं मैदान से बाहर हैं. जैसे घरों में किसी कोने में होती हैं, वैसे ही अलग-अलग टुकड़ियों में हैरानी भरी निगाहों के साथ खेतों में खड़ी हैं. बेगूसराय में बछवाड़ा के इस अयोध्या मैदान के आसमान में बुधवार को जब तेजस्वी यादव का…

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छत्तीसगढ़ में मोदी के मास्टरस्ट्रोक से लड़खड़ा गई है कांग्रेस?

Chhattisgarh has been shocked by Modi's masterstroke?

News Agency : चार महीने पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी को धूल चटा दी थी। पार्टी ने ninety सीटों वाली विधानसभा में sixty eight सीटों पर कब्जा कर लिया था। राज्य में fifteen साल से सत्ताधारी बीजेपी का ग्राफ fifteen सीटों तक गिर गया था। इस चुनाव परिणाम ने मोदी-शाह की जोड़ी को राज्य में एक नया प्रयोग का मौका दिया। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अपने सारे के सारे प्रत्याशियों को नए चेहरों से बदलने का जोखिम ले डाला। हालांकि, दिसंबर की हार इतनी बड़ी थी कि प्रदेश…

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सर्वे के अनुसार, देश में नोटबंदी के बाद से 50 लाख लोगों की नौकरियां गई

According to the survey, 50 lakh people got jobs after the ban was imposed in the country.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवंबर 2016 को लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद देश के 50 लाख लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है. इसमें से अधिकतर लोग असंगठित क्षेत्र के समाज के कमजोर वर्ग से हैं. हफिंगटन पोस्ट के मुताबिक, अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सस्टेनेबल एम्प्लॉयमेंट (सीएसई) ने ‘स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2019’ नाम से इस रिपोर्ट को मंगलवार को जारी किया. सीएसई के अध्यक्ष और इस रिपोर्ट के प्रमुख लेखक प्रोफेसर अमित बसोले ने कहा, ‘यह कुल आंकड़ा है. इन आंकड़ों के हिसाब से पचास लाख रोजगार कम हुए…

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लोकसभा चुनाव में सीने की चौड़ाई से नहीं, ज्ञान की गहराई से दशा-दिशा नापी जाएगी

In the Lok Sabha elections, not by the width of the chest, the direction of direction will be measured by the depth of knowledge

कहते हैं कि चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है, लेकिन यही चुनाव है कि जिसमें देश का दर्द-दर्प-गर्व सब धूल-धूल हो जाता है और यह काम वे करते हैं जो कसमें खा-खा कर देश की दुहाई देते हैं। देश को धूल बनाने वाले इस चुनाव की व्याख्या करते हुए कभी विनोबा भावे ने बड़ी मार्मिक बात कही थी- ‘हमारे यहां चुनाव का सूत्र है, मिथ्या भाषण, पर-निंदा और आत्मस्तुति!’ आज चुनाव के सभी स्टार प्रचारक एड़ी-चोटी का जोर लगा कर विनोबा को सही साबित करने में जुटे हैं। जो जितना बड़ा…

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सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए, इन्हें चलाने वाली सरकारें फेल हुई हैं

सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए, इन्हें चलाने वाली सरकारें फेल हुई हैं

सरकारी स्कूलों को बहुत ही प्रायोजित तरीके से निशाना बनाया गया है. प्राइवेट स्कूलों की समर्थक लॉबी की तरफ से बहुत ही आक्रामक ढंग से इस बात का दुष्प्रचार किया गया है कि सरकारी स्कूलों से बेहतर निजी स्कूल होते हैं और सरकारी स्कूलों में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची है. शिक्षा का अधिकार क़ानून (आरटीई) लागू हुए 9 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन आज की स्थिति में 90 फीसदी से अधिक स्कूल आरटीई के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं. इस दौरान सरकारी स्कूलों की स्थिति और…

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सर्वे के अनुसार मोदी सरकार को नापसंद करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी

सर्वे के अनुसार मोदी सरकार को नापसंद करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की मतदान खत्म हो चुका है और 18 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होना है। इस बीच लोगों का मूड बता रहा है कि मोदी सरकार की लोकप्रियता में गिरावट आई है। मोदी सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग में 12 मार्च और 12 अप्रैल के बीच 12 अंकों की गिरावट आई है। सीवोटर-आईएएनएस ट्रैकर में यह बात सामने आई है। मोदी सरकार की प्रदर्शन रेटिंग 26 फरवरी को बालाकोट हवाई हमले के बाद के दिनों में काफी बढ़ गई थी और 7…

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तमिलनाडु में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध क्यों होता है?

Narendra Modi

पिछले क़रीब एक साल से जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु का दौरा किया, लगभग हर बार “गोबैक मोदी” जैसे हैशटेग सोशल मीडिया में ट्रेंड करने शुरू हो गए. इस कारण सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या नरेंद्र मोदी को तमिलनाडु में पसंद नहीं किया जाता और अगर नहीं तो क्यों? कुछ विश्लेषक तो यहां तक दावा करते हैं कि नरेंद्र मोदी जितने अलोकप्रिय तमिलनाडु में हैं, शायद ही किसी और राज्य में होंगे.स्थानीय पत्रकारों की मानें तो ये हैशटैग्स अप्रेल 2012 में सबसे पहले दिखे. नरेंद्र मोदी…

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नरेंद्र मोदी को कैसे हराया जा सकता है

यूं तो पांच सालों बाद लोकसभा चुनाव आते और जाते हैं। उनके साथ सरकारें बनती और बिगड़ती हैं। परंतु कभी-कभी चुनाव के साथ देश और देशवासियों की किस्मत भी दांव पर लग जाती है। 2019 का लोकसभा चुनाव एक ऐसा ही चुनाव है, जिसमें देश और देशवासियों की किस्मत दांव पर लगी है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के अनुसार यह चुनाव भारतीय आत्मा की रक्षा का चुनाव है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि 11 अप्रैल से 23 मई तक भारत एक ऐसे दौर से गुजरने वाला है जिसको…

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असम में एससी-एसटी और मुस्लिम कांग्रेस के पक्ष में, बीजेपी की हवा पंचर

“इस बार मैं जरूर वोट दूंगा और मेरा वोट कांग्रेस को जाएगा। अपने बच्चों का नाम एनआरसी में दर्ज कराने के लिए मैं दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते थक चुका हूं। मेरा नाम है, मेरे मां-बाप का नाम है, मेरे बहन-भाइयों का नाम है, लेकिन मेरे बच्चों का नाम गायब है।” एक सरकारी विभाग में काम करने वाले रफीक उल इस्लाम की यह बात असम में लोकसभा चुनाव की तस्वीर सामने रखती है। रफीक वोट देने के लिए नगांव जाने वाले हैं, जो गुवाहाटी से कोई 4 घंटे की दूरी पर…

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लोकसभा चुनावः दूसरे चरण में भी हवा बीजेपी के खिलाफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश ऐसे ही नहीं कर रहे हैं। पहले चरण के मतदान के साथ ही दूसरे फेज की वोटिंग का संभावित ट्रेंड उन्हें डराने लगा है। इस फेज में भी बीजेपी को लगभग 22 सीटों पर खतरा महसूस हो रहा है। पहले फेज में भी उसकी लगभग इतनी ही सीटें कम होने की संभावना है। दोनों चरणों में छत्तीसगढ़ की चार सीटों पर वोटिंग है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में यहां बीजेपी का जो हाल हुआ था, उसके इस…

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