झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू पर केस दर्ज

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
गिरिडीह. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू (JMM MLA Sudivya Kumar Sonu) समेत 21 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है. ये प्राथमिकी जमीन संबंधी मामले में धोखाधड़ी व जालसाजी करने समेत SC-ST अधिनियम के तहत दर्ज की गई है. मिली जानकारी के अनुसार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के डांडीडीह टोला भलगढ़वा निवासी गोविंद दास ने कोर्ट में दायर परिवाद (complaint) के आधार पर मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई है.
मामले में गिरिडीह के झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, उद्योगपति सरदार गुणवंत सिंह, अमरजीत सिंह, हरेंद्र सिंह, बलविंदर सिंह, तरणजीत सिंह, सतविंदर सिंह, धर्मेंद्र शर्मा, संजय शर्मा, नवीन चौरसिया, विकास चौरसिया, झामुमो जिला अध्यक्ष संजय सिंह, पचंबा निवासी मुकेश साहू, संजय साहू, रितेश राम, अजय महतो, संदीप वर्मा, महतोडीह पिकेट के तत्कालीन प्रभारी सहित अन्य को अभियुक्त बनाया गया है.

दर्ज प्राथमिकी में गोविंद दास ने आरोप लगाया है कि झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के साथ कई अन्य लोगों ने उनसे धोखाधड़ी कर जमीन हड़प ली है और उनके परिवार के साथ मारपीट भी की गई है. अब इस मामले मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है जिससे विधायक की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बता दें कि इस मामले में भाजपा के नेताओं ने भी रुचि दिखाई थी और इसको लेकर एससी, एसटी आयोग को पत्र भी लिखा था.
दर्ज एफआईआआर में गोविंद दास पिता स्वर्गीय भूलन दास ने कहा है कि,मौजा डांडीडीह थाना नंबर-234, खाता नंबर-58, प्लॉट नंबर 1403, 1374, 1407. रकबा 11 एकड़ 4 डिसमिल सर्वे खतियान में गैरमजुरवा खास दर्ज है. यह मेरी आजीविका का एकमात्र साधन है. लेकिन, मेरी खातियानी जमीन पर 50 से 60 लोगों के साथ उपरोक्त लोग लाठी, डंडा, गड़ासा फरसा आदि से लैस होकर काफी संख्या में लोग पहुंचे और मेरे परिवार के साथ धक्का-मुक्की कर जान से मार देने की धमकी देने लगा. सभी को बंधक बना लिया और बेरहमी से मारपीट की. यहां तक कि जातिसूचक गाली देकर गिरिडीह मुफस्सिल थाना में बंदी बना लिया और बेहोशी की हालत में कागज पर अंगूठा ले लिया.
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर बाबूलाल मरांडी ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखा था, जिसमें गोविंद दास के पत्र का हवाला देते हुए कहा था कि जहां गोविंद दास घर बनाकर खेती-बाड़ी करके जीविका उपार्जन कर रहे थे. उस जमीन को उपरोक्त लोगों ने फर्जी तरीके से दूसरे को बेच दिया है. अत: शिकायतकर्ता अनुसूचित जाति से है इसलिए इस पर जरूर कार्रवाई की जाए.

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