विशेष संवाददाता द्वारा
रांची. झारखंड में जेपीएससी रिजल्ट को लेकर जारी आंदोलन की गूंज अब राजभवन पहुंच चुकी है. इस बीच गत मंगलवार को हुए प्रदर्शन के सिलसिले में दो भाजपा विधायकों समेत 13 लोगों पर नामजद केस दर्ज किया गया है. 300 से 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है.
गत मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान रांची में काफी हंगामा मचा था. जेपीएससी संयुक्त पीटी परीक्षा का रिजल्ट रद्द करने की मांग को लेकर जेपीएससी ऑफिस जा रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था. इसके बाद प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल जेपीएससी अध्यक्ष अमिताभ चौधरी से मिला था. चौधरी ने चार दिन में उनकी सारी शिकायतें दूर करने का वादा किया है.
बीजेपी के जिन दो विधायकों पर केस दर्ज किया गया उनमें से एक पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही ने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस दिन हमलोग आंदोलन कर रहे थे, उस दिन एफआईआर दर्ज क्यों नहीं किया गया. यह एक सोची समझी राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है. इसलिए हमपर और नवीन जायसवाल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
पूर्व मंत्री ने कहा कि आंदोलन बिल्कुल शांतिपूर्ण चल रहा था. हमलोगों ने ना तो पुलिस पर हमला किया और ना ही किसी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. हमलोग जनप्रतिनिधि के नाते छात्रों का सहयोग कर रहे थे. अब ऐसे में अगर कोई एफआईआर दर्ज किया जाए, तो क्या कहा जा सकता है. ये आंदोलन को दबाने की कोशिश की है.
बता दें कि जेपीएससी मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन के मामले में बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल और पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही पर सरकारी काम में व्यवधान डालने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज हुआ है. बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत हमलोगों पर केस दर्ज किया गया. आंदोलन करना कोई गुनाह नहीं है.
हालांकि जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि सरकार अपना काम कर रही है, जो कोई भी सरकारी काम में व्यवधान उत्पन्न करेगा, उनको छोड़ा नहीं जायेगा.
बता दें कि हाल में जेपीएससी 7 से 10वीं संयुक्त पीटी परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया. इस रिजल्ट में कई तरह की गड़बड़ी सामने आने के बाद छात्र इसे रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. इस मसले पर विरोध- प्रदर्शन का दौर जारी है.