26 नवंबर पूरे भारतवासियों के लिए अहम 

विशेष संवाददाता द्वारा
हजारीबाग। संविधान दिवस के मौके पर शुक्रवार को आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग सभागार में विश्वविद्यालय के एनएसएस इकाई के बैनर तले कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, डीन एडमिन डॉ एसआर रथ, डीन एकेडमिक डॉ बिनोद कुमार, डॉ रूद्र नारायण, डॉ रोजीकांत, डॉ श्वेता सिंह के हाथों संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि 26 नवंबर पूरे भारतवासियों के लिए अहम है। इसके पीछे की वजह है कि 26 नवंबर 1949 को ही भारतीय संविधान सभा के द्वारा भारतीय संविधान को स्वीकृति प्रदान की गई थी और 26 जनवरी 1950 को देशभर में इसे लागू किया गया था। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े संविधान भारतीय संविधान देश को एक स्वतंत्र, धर्मनिरपेक्ष, न्याय, समानता और स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है, जो भारत को महान बनाता है। वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक भारतीय संविधान को बेहद लचीला बताते हुए कहा कि हमारे संविधान में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और करीबन 124 संशोधन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गंगा-जमुनी की तहज़ीब देने वाली भारतीय संविधान विश्व के लिए मिसाल है। राजनीति शास्त्र के एचओडी डॉ श्वेता सिंह ने संविधान की प्रस्तावना सभी लोगों को पढ़ाया और इसके अनुपालन की शपथ भी दिलाई। मंच संचालन परफॉर्मिंग आर्ट्स की डीन डॉ रोज़ीकांत ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने बनाने में विश्वविद्यालय के एनएसएस पदाधिकारी डॉ रूद्र नारायण, प्रीति व्यास, प्रीति वर्मा, डॉ ललित कुमार, रोहित कुमार, रितेश कुमार समेत अन्य की भूमिका अहम रही। वहीं मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, डीन एकेडमिक डॉ बिनोद कुमार, डीन एडमिन डॉ एसआर रथ समेत विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं व कर्मियों के अलावा बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।

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