फाइलेरिया (हाथी पांव) उन्मूलन के लिए आज से लेकर 25 फरवरी तक अमड़ापाड़ा प्रखंड में अभियान चलाया जा रहा है।

फाइलेरिया यानी हाथीपांव यह क्यलेक्स मच्छर के काटने से होता है। यह एक लाइलाज बीमारी है।

यह रोग इंसान को धीरे-धीरे लाचार एवं विकलांग बना देता है। इस रोग से संक्रमित व्यक्ति को लक्षण दिखने में 5 से 15 वर्ष का समय लगता है।

इस बीमारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा वर्ष में एक बार दवा खिलाई जाती है, यह दवा सभी को खाना जरूरी है। अमड़ापाड़ा प्रखंड में दिनांक 10/02/23 से दिनांक 25/02/23 तक यह अभियान स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलाया जाएगा, जिसमें घर घर जाकर सभी लोगों को दवाई (एल्बेंडाजोल एवं डीईसी 100mg) खिलाई जाएगी फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के पहले दिन (10/02/23) सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली एएनएम एवं सहिया दीदीयो के द्वारा खिलाई जा रही है, यह दवा खाली पेट नहीं खाना है, खाना खाने के 2-3 घंटे के अंदर ही दवा खाना है।

जिन घरों के लोगों को यह दवाई खिलाई जाएंगी, उनके घरों के बाहर में सहिया और एएनएम के द्वारा दीवार लेखन भी किया जाएगा। 11 से 25 फरवरी तक सहिया घर-घर जाकर इस दवा को खिलाने का काम करेंगे।

2 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे और और बड़े सभी लोग इस दवा का सेवन कर सकते हैं। *किन्हे दवा नहीं खाना है — गर्भवती महिलाएं, धात्री माता, 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्ति। प्रखण्ड लेवल पर इस अभियान के निगरानी के लिए 10 टीम एवं सहयोग के लिए 103 टीमों का गठन किया गया है।

ताकि यह कार्यक्रम अच्छे से चले। प्रखंड के सभी लोगों से अपील है कि शत् प्रतिशत लोग इस दवा का सेवन करें और वे स्वयं फाइलेरिया से मुक्त रहे प्रखंड को फाइलेरिया मुक्त बनाने में भागीदार बने।उक्त जानकारीकुमार देवेश द्विवेदीप्रखंड विकास पदाधिकारी, अमड़ापाड़ा ने दी

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