धनबाद में अवैध कोयला कारोबार को लेकर खूनी संघर्ष

धनबाद. धनबाद जिला में अवैध कोयला कारोबार धड़ल्ले से जारी है और पुलिस इस अवैध कारोबार की संरक्षक बनी हुई है. अवैध कोयला कारोबार को लेकर लगातार खूनी संघर्ष हो रहा है. अवैध कोयला कारोबार में वर्चस्व और विरोध को लेकर मारपीट हो रही है. कुछ खास व्यक्तियों के गुर्गों पर आरोप लग रहे हैं. इसके बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. यही वजह है कि बुधवार देर रात धनबाद के कतरास थाना क्षेत्र स्थित चैतूडीह एक बार फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. खूनी संघर्ष में पांच लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए. सभी का नजदीकी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
इस दौरान एक कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. खुलेआम पिस्टल, देशी कट्टा, लाठी, डंडे, हरवे हथियार लहराया गया. छठ पूजा का प्रसाद खाने जा रहे लोगों से मारपीट की गयी. बता दें, धनबाद के कतरास थाना क्षेत्र के चैतूडीह में अवैध कोयला का कारोबार लंबे समय से संचालित हो रहा है. इस कारोबार को संचालित करने का आरोप वशिष्ठ चौहान और उसके गुर्गों पर है. अवैध कोयला कारोबार को बंद करने, खूनी संघर्ष पर लगाम लगाने की मांग को लेकर लकड़का के ग्रामीणों ने कतरास थाना का घेराव कर दिया. थाना के समक्ष सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की.
इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाए. वहीं ग्रामीणों के उग्र रूप को देखते हुए आधा दर्जन लोगों को देर रात पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. बता दें, दो दिन पहले भी चैतूडीह में खूनी संघर्ष हुआ था. लेकिन, पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इस दौरान थाना घेराव कर रही ग्रामीण महिला अनिता देवी ने कहा कि पुलिस अवैध कोयला कारोबार नहीं रोक रही है. दिखावे के लिये दो चार बोरा छापेमारी कर थाना ले आती है. अगर हमलोग आवाज उठाते हैं तो पुलिस ग्रामीणों पर ही लाठी तान देती है.पुलिस ने कहा- नहीं चली है गोली
वहीं घायल अजय सिंह, मुश्ताक ने कहा कि चैतूडीह में गुंडा राज चल रहा है. अवैध कोयला का कारोबार करने वाले विशिष्ट चौहान और उसके लोग ग्रामीणों के साथ मारपीट करते है. बंदूक का भय दिखाते हैं. उनलोगों ने प्रसाद खाने जाने के दौरान मारपीट की. वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया. वहीं इस पूरे मामले में कतरास थाना प्रभारी रणधीर सिंह का कहना है कि गोली नहीं चली है. दो पक्षो में मारपीट हुई है. घायल का अस्पताल में इलाज चल रहा है. लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी. दो दिन पहले जो मारपीट हुई उसकी सूचना पूलिस को नहीं है.

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