एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक 106 वर्तमान सांसदों के उपर हत्या, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने, अपहरण, महिलओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। इनमें से सबसे अधिक मामले चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली पार्टी बीजेपी के सांसदों पर दर्ज है। बीजेपी ने सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। बीजेपी के 267 में से 92 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। गंभीर मामले में तो आधे में बीजेपी और आधे में दूसरी सारी पार्टियां हैं। बीजेपी के 58 सांसद गंभीर आपराधिक मामलो में आरोपी हैं। जो कि कुल गंभीर मामलों में आधे से ज्यादा है। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना है। शिवसेना के 15 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से आधे से ज्यादा पर तो गंभीर मामले में आरोपी हैं। शिवसेना के 8 सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं। तीसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है। तृणमूल के 7 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 4 गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी बनाए गए हैं।
कांग्रेस पार्टी के 7 सांसदों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। जिसमें से सिर्फ 2 गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। वहीं एआईडीएमके के 6 सासदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की। जिनमें से आधे (3) पर गंभीर मामले दर्ज हैं। एनसीपी के 6 सांसद भी गंभीर आपराधिक मामले के आरोपी हैं। तेलगू देशम पार्टी के 6 सांसद भी आपराधिक मामलों में आरोपी हैं, जबकि एक पर गंभीर आपराधिक मामला चल रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के 5 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें एक के खिलाफ गंभीर मामला है।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी के 4 सांसदों के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। एलजेपी के 2 सासंद गंभीर मामलों में आरोपी हैं। राष्ट्रीय जनता दल के 4 सांसद गंभीर मामलों में आरोपी बनाए गए हैं। जबकि टीआरएस के 3 सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं। ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी के 2 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक पर गंभीर आपराधिक मामला दर्ज है। वाईएसआरसीपी के 2, आईएनडी के 2 और जेडीयू के सांसद पर भी गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनके अलावा 12 और ऐसे सांसद हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से 8 बेहद गंभीर मामलों में आरोपी हैं।