शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम मोदी को दी सलाह

कांग्रेस में शामिल होने से पहले बीजेपी के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने  एक बार फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने पीएम मोदी को सलाह देते हुए सिलसिलेवार तरीके से तीन ट्वीट किए. उन्होंने अपने पहले ट्वीट में कहा कि माननीय आउटगोइंग सरजी, अपने भाषणों के बाद अपनी वाहवाही कराने के लिए विभिन्न चैलन और प्रायोजित जनता के पीछे पैसे खर्च करना बंद कीजिए. आपके भाषण में हमेशा से तथ्यों की कमी रही है. वहीं एक अन्य ट्वीट में शत्रुघ्न ने कहा कि इन दिनों तो आप लोगों को हद से ज्यादा चिड़चिड़ा बना दे रहे हैं. मैं आपके द्वारा किए जाने वाले ईवीएम गड़बड़ी और आपके घमंड के बावजूद मैं आपका हितैषी हूं. अब इस ऐन मौके पर मैं आपको एक सुझाव देना चाहूंगा कि आप सीधे हो जाएं और सीधे ही चलें.

शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम को सलाह देते हुए कहा कि आप पेज न्यूज चैनल पर ना जाएं. आपको वास्तविक प्रेस कांफ्रेंस पर जाना चाहिए. जहां रवीश कुमार और प्रसून वाजपेयी जेसै पत्रकार होते हैं. जिन्हें खरीदा नहीं जा सकता है और वह आपसे राष्ट्र की रुचि से जुड़े सही सवाल पूछेगें. ऐसे प्रेस के पास जाना चाहिए जो चमचे ना हो और जिन्हें चुप नहीं कराया जा सकता.  

गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम मोदी पर हमला बोला हो. इससे पहले उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का टिकट काटने को लेकर उनपर निशाना साधा था. उन्होंने पार्टी के इस फैसले को ‘अपमानजनक और शर्मनाक’ बताया था. साथ ही कहा था कि ऐसी उम्मीद ‘वन मैन शो और टू मैन आर्मी के तानाशाही शासन’ से ही की जा सकती है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में डिप्टी प्राइम मिनिस्टर रहे आडवाणी 75 साल से उम्र वाले पार्टी के उन 10 नेताओं में शामिल हैं, जिनका इस बार टिकट काटा गया है. आडवाणी की संसदीय सीट गांधीनगर से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को उतारा गया है. अमित शाह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. 

आडवाणी इस फैसले को लेकर काफी नाराज दिख रहे हैं, सूत्रों ने बताया, ‘उन्हें टिकट न मिलना मुद्दा नहीं है, लेकिन जिस तरीके से उनका टिकट काटा गया है, वह अपमानजनक है. किसी भी बड़े नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया.’ शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट करते हुए कहा था कि पिता तुल्य, परम पूजनीय, अनुभवी, दोस्त, दार्शनिक, मार्गदर्शक, गुरु और भारतीय जनता पार्टी के सर्वश्रेष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को उनकी सहमति और अनुमति के बिना चुनावी राजनीति से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.’

बता दें कि पटना साहिब से भाजपा सांसद सिन्हा को साइडलाइन किए जाने के बाद से वह पार्टी और उसके नेतृत्व पर कई सालों से निशाना साधते रहे हैं. पार्टी ने अभी तक उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्क कार्रवाई नहीं की. वहीं पार्टी ने इस बार उनकी सीट से केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद को टिकट दिया है. सिन्हा ने इसके साथ ही ट्वीट किया था कि राजनीतिक करियर के इस मोड़ पर यह हैरान कर देने वाला कदम है. हालांकि, यह वन मैन शो और टू मैन आर्मी के तानाशाही शासन में ही इसकी उम्मीद की जा सकती है. यह कदम अपमानजक और शर्मनाक है.’

साथ ही उन्होंने लिखा था कि लाल कृष्ण आडवाणी और अन्य वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और शांता कुमार का अपमान हुआ है. इससे पूरे देश को दुख हुआ है. लोग इस फैसले से  भौंचक्के हैं. एक बार फिर मैं आशा और प्रार्थना करता हूं कि हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ किए गए अन्याय का लोग उचित जवाब न दें. भगवान आपको माफ करे.’

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