भाजपा कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या

पश्चिम बंगाल में भाजपा के एक कार्यकर्ता की कथित तौर पर तृणमूल समर्थक उपद्रवियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। इस घटना के बाद भाजपा समर्थकों ने माल्दा जिले के हरीशचंद्रपुर क्षेत्र में सड़क जाम कर दी। यह स्थान कोलकाता से 405 किलोमीटर दूर है। पुलिस के पास दर्ज कराई शिकायत के अनुसार 28 साल के पटानू मंडल अपनी पत्नी और आठ महीने की बेटी के साथ सो रहे थे तभी कुछ लोग उनके घर आए और उन्होंने गोलियां चलानी शुरू कर दी।

माल्दा जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमें दो लोगों के खिलाफ हत्या करने की शिकायत मिली है लेकिन वह फरार हैं। केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों ने क्षेत्र में रूट मार्च निकाला ताकि स्थानीय लोगों के बीच चुनाव से पहले विश्वास को दोबारा बहाल किया जा सके।’

वहीं मंडल तीसरे ऐसे शख्स बन गए हैं जिसकी पश्चिम बंगाल में चुनाव की तारीखों के एलान के बाद हत्या की गई है। इससे पहले 12 मार्च को 28 साल के कांग्रेस कार्यकर्ता की दिनाजपुर जिले में हत्या कर दी गई थी। 18 मार्च को 45 साल के तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की मुर्शिदाबाद जिले में हत्या की गई थी। 

गुरुवार सुबह भाजपा समर्थक ने मंडल की मौत के विरोध में क्षेत्र में आंदोलन किया और पुलिस को कार्यकर्ता के शव को ऑटोप्सी के लिए ले जाने से रोका। इस हत्या के बाद से राज्य में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

माल्दा जिला अध्यक्ष संजीत मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘मंडल हरिश्चंद्रपुर पुलिस स्टेशन में एक नागरिक पुलिस स्वयंसेवक के रूप में काम करता था। इससे पहले तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उसे एक झूठे मामले में फंसाया और उसकी नौकरी चली गई। इसके बाद वह जिले में भाजपा नेता बन गया। वह एक रैली का आयोजन करने वाला था जहां 1,000 लोग इकट्ठा होने वाले थे। तृणमूल समर्थित गुंडों ने मंडल की हत्या कर दी।’

तृणमूल ने भाजपा के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है।  पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष दुलाल सरकार ने कहा, ‘पीड़ित का भाई उत्पल तृणमूल में शामिल हो चुका है और उसे स्थानीय ग्राम पंचायत का प्रधान नियुक्त किया गया है। राज्य सरकार द्वारा करवाए जा रहे विकास से प्रभावित होकर पटानू भी तृणमूल में शामिल होने वाला था। इसी कारण भाजपा समर्थित गुंडों ने उसकी हत्या कर दी।’

अपनी शिकायत में पीड़ित की पत्नी रुमा दास मंडल ने आरोप लगाया है कि वह तब उठी जब उन्होंने दूसरी गोली की आवाज सुनी और दो लोगों को अपने कमरे से बाहर निकलते हुए देखा। उन्होंने अपने गांव के रहने वाले सुमित मंडल को दो आरोपियों में से एक बताया है। हालांकि वह दूसरे आरोपी की पहचान नहीं कर पाईं। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिनों पहले सुमित ने मेरे पिता को धमकी दी थी कि वह मेरे पति की हत्या कर देगा।’

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