गिरिडीह,प्रतिनिधि। जेपी नड्डा के कार्यक्रम को लेकर सभी पत्रकारों को आमंत्रित किया गया। इसके पश्चात सभी पत्रकारों को मीडिया पास की व्यवस्था की गई किंतु इन मीडिया पास को सिर्फ वही ले सकते है जो पत्रकार हो और भाजपा नेता कामेश्वर पासवान के नजर में पत्रकार वही है जो भाजपा के कार्यक्रम में जाते हैं। जब उनसे इस संबंध में पूछा गया कि आप क्यूं सिर्फ चुनिंदा संस्थानों को कार्यक्रम का पास दे रहे हैं तो उनका कहना साफ था कि मुझे ऊपर से उन्ही लोगों को पास देने बोला गया है जो भाजपा के कार्यक्रम में आते हैं।
अगर आप डीपीआरओ से भी रजिस्टर्ड है और कितना ही बड़ा मीडिया के संवाददाता भी क्यूं ना हो तभी हम आपको पत्रकार, तभी समझेंगे जब आप भाजपा के कार्यक्रम में आते हों, जो भाजपा के कार्यक्रम में नहीं आते है वह मेरी नजर में पत्रकार नहीं है। क्या है मामला..बता दें जेपी नड्डा के गिरिडीह आगमन को लेकर विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में कुर्सी लगाए।
सभी पत्रकारों को आमंत्रित किया गया। चूंकि सभा बड़ी थी और बात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन की थी तो सभी जिले से लेकर राज्य तक के कई नामचीन बैनर के पत्रकार भी सभा में पहुंचे थे। इन सभी पत्रकारों को कार्यक्रम को लेकर मीडिया पास दिया जाने लगा। पास देने की जिम्मेदारी भाजपा नेता कामेश्वर पासवान को दी गई।
अब उनको प्रेस की जिम्मेवारी मिली तो खुद को तीस मार खां समझने लगे और सभी पत्रकारों को सर्टिफिकेट देने लगे। यहां तक तो ठीक ही चलता रहा। किंतु जब पत्रकारों की व्यवस्था के लिए कुर्सियां कम पड़ गई तो महानुभव के चेहरे पर पसीने उतर आए। अब वो करते भी तो क्या करते उन्हे कुछ समझ नहीं आया और उन्होंने जिन पत्रकारों को मीडिया पास नहीं दिया उन्हे कार्यक्रम से बाहर निकालना शुरू कर दिया।
कई पत्रकारों को किया गया कार्यक्रम से बाहर..बता दें कि इस दौरान भाजपा नेता कामेश्वर पासवान ने ना सिर्फ पत्रकारों को कार्यक्रम से बहार किया बल्कि उनके साथ धक्का मुक्की भी की। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि जो नेता इतना अशिष्टता के साथ पत्रकारों से बर्ताव करते हो और जिस पार्टी में ऐसे नेता हो उससे आम जनता कितनी उम्मीद रख सकती है।
क्या कहते हैं भाजपा नेता..कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब भाजपा नेता कामेश्वर पासवान से दूरभाष के द्वारा सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा था।