कुख्यात अमित सिंह हत्याकांड की साजिश में बिहार पुलिस शामिल

बिशेष प्रतिनिधि द्वारा
देवघर : जिले के वकालत खाना इलाके में बीते 18 जून को अंजाम दिए गए कुख्यात अमित सिंह हत्याकांड मामले में बिहार पुलिस का मुलाजिम ही निकला साजिशकर्ता। लंबी पूछताछ, कॉल रिकॉर्ड और वारदात वाले रोज की तमाम हरकतों को बारीकी से खंगालने के बाद देवघर पुलिस ने बेऊर जेल से कैदी अमित सिंह को साथ लेकर आए प्रारक्षी अवर निरिक्षक राम अवतार राम और सिपाही मो. ताबिश खान को गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है। अमित सिंह हत्याकांड की तफ्तीश में जुटी पुलिस टीम को पटना पुलिस बल के दोनों मुलाजिमों के खिलाफ कई सबूत मिले हैं। जिसके आधार पर देवघर पुलिस ने बिहार पुलिस के दोनों कर्मियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बताया जा रहा है कि, अमित सिंह हत्याकांड की साजिश में शामिल गिरफ्तार पटना पुलिस बल का आरक्षी संख्या 4050 के सिपाही ताबिश खान की बेऊर जेल में बंद कुख्यात अमित सिंह से जेल में भी बातचीत होती थी और वहीं अमित के दुश्मन माणिक गिरोह के सदस्यों से भी उसकी बातचीत होती थी। इतना ही नहीं अमित सिंह को देवघर लाने से पहले भी सिपाही ताबिश खान की माणिक गिरोह के गुर्गों से बातचीत हुई थी। पुलिस की तफ्तीश में जब यह बात सामने आई तो यह साफ हो गया कि, अमित सिंह की देवघर में पेशी के दौरान साथ आए सिपाही ताबिश खान ने हत्याकांड में साजिशकर्ता की भूमिका निभाई थी।
अमित सिंह की सुरक्षा में गिरफ्तार पटना पुलिस बल के दोनों कर्मियों के अलावा अन्य जवानों ने देवघर पुलिस को दिए अपने बयान में बताया है कि, किसी भी प्रकार की गतिविधि प्रअनि राम अवतार राम और सिपाही ताबिश खान के इशारे पर ही तय होती थी। इतना ही नहीं मौका-ए-वारदात से पुलिस को मिले राउटर की तकनीकी जांच के दौरान यह भी साफ हो गया कि, राउटर माणिक गिरोह के गुर्गों का है। बताया जा रहा है कि, राउटर की जांच में इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि सिपाही ताबिश खान ने हत्याकांड से ठीक पहले सुबह 7:45 बजे मोबाइल से पटना के बेऊर जेल में बंद माणिक चंद के भाई सोनू कुमार से व्हाट्सअप कॉल के जरिए बात की थी।

Patna notorious criminal murdered in Deoghar court Know About who was Amit  Singh : बिहटा के चर्चित निर्भय सिंह हत्याकांड मामले में आजीवन सजायाफ्ता  कैदी अमित सिंह की देवघर ...

वारदात को अंजाम देने की साजिश में शामिल पटना पुलिस बल के प्रअनि राम अवतार राम और आरक्षी ताबिश खान ने सोची समझी रणनीति के तहत ही 17 जून के रोज अमित सिंह को पेशी के लिए देवघर लेकर पहुंचा था जहां 18 जून को जएडीजे-3 की कोर्ट में उसकी पेशी कराई जानी थी। बेऊर जेल से देवघर भेजे जाने के लिए पुलिस अभिरक्षा में जो टीम बनी थी उसकी कमान प्रअनि राम अवतार राम के हाथों थी। अमित को जब पेशी के लिए देवघर कोर्ट लाया गया। उस वक्त न तो उसके हाथ में हथकड़ी थी और न ही उसे हाजत में रखा गया था।
इतना ही नहीं मृतक कुख्यात कैदी अमित सिंह अपनी लग्जरी कार में सवार होकर अपनी माशूका और सहयोगियों संग पटना से देवघर पहुंचा था। और शहर के बीचो-बीच रिहायशी इलाके में बने एक निजी मकान में ठहरा था। वहीं से वह पेशी के लिए कोर्ट पहुंचा था जहां वकालत खाना परिसर में बने वकील के अस्थाई चेंबर में हमलावरों ने उसके शरीर में तीन गोलियां दागी जिसमें मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
पटना के बेऊर जेल से पेशी के लिए देवघर लाए गए कुख्यात अमित सिंह की सुरक्षाकर्मियों ने नियम-कानून को ताक पर रख अमित सिंह को न सिर्फ तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई बल्कि, 17 जून की रात शराब और कबाब के का लुप्त उठाते हुए जश्न मनाया था। पटना पुलिस केंद्र की ओर से 17 जून को निर्गत कमान पत्र सख्या 79135 की धज्जियां उड़ाते हुए अमित सिंह और उसकी सुरक्षा में भेजे गए पुलिसकर्मी देवघर पहुंचे थे। पटना पुलिस केंद्र की ओर से निर्गत कमान पत्र में आदेश दिया गया था कि, देवघर नगर थाना कांड संख्या 476/12 के आजीवन सजायाफ्ता कैदी अमित सिंह को कोर्ट में पेश करने से पहले नजदीकी थाना प्रभारी को सूचना देंगे साथ ही बंदी संबंधित सूचना पुलिस उपाधिक्षक प्रारक्ष पटना को एक एक घंटे के अंतराल पर मोबाइल फोन के जरिए देंगे लेकिन, उक्त टीम ने ऐसा नहीं किया। अमित हत्याकांड की साजिश में शामिल गिरफ्तार किए गए दोनों पुलिसकर्मियों ने साथ आए कैदी को हर वो मुमकिन सुविधा मुहैया कराया जिसकी उसे दरकार थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अमित सिंह की हत्या के बाद पूछताछ के लिए हिरासत में रखे गए उसके साथ आए सभी आठ सहयोगियों को बांड पर परिजनों के हवाले करने की तैयारी की जा रही है। इतना ही नहीं गिरफ्तार किए गए पटना पुलिस के दो कर्मियों को छोड़कर बाकी तीन पुलिसकर्मियों को भी पटना पुलिस के हवाले किए जाने की तैयारी है। इस बाबत जानकारी देते हुए देवघर नगर थाना प्रभारी नागेंद्र कुमार मंडल ने बताया है कि, मृतक अमित सिंह सभी आठ साथियों के साथ ही उसकी सुरक्षा में आए पांच पुलिसकर्मियों के मोबाइल को जब्त कर जांच के लिए रख लिया गया है जबकि, तीन लग्जरी वाहनों को भी जब्त किया गया है। बहरहाल, मामले की तह तक पहुंच चुकी देवघर पुलिस की एक टीम लगातार पटना में हमलावरों और मास्टरमाइंड को दबोचने के लिए कैंप कर रही है।
दूसरी ओर देवघर कोर्ट से सटे वकालतखाना परिसर में 18 जून को गोलियों की बौछार हुई थी। बिहटा का कुख्यात सरगना अमित सिंह की हत्या हुई थी। गुत्थी को सुलझाने में जुटी पुलिस के हाथ अहम सुराग लगे हैं। देवघर पुलिस की एक टीम पटना में कैंप कर रही है। शूटरों की तलाश की जा रही है। इस बीच देवघर पुलिस की टीम ने बिहार पुलिस के उन पांच पुलिसकर्मियों के साथ सीन को रिक्रएट किया। सूत्रों के हवाले में मिली जानकारी के मुताबिक, पटना के बेऊर जेल के जेलर भी जांच के दायरे में हैं। बताया जा रहा है कि बिहटा के निर्भय सिंह हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी अमित सिंह को देवघर कोर्ट में पेशी पर भेजने से पहले बेऊर के जेलर ने स्थानीय अदालत से इजाजत नहीं ली थी। इन सबके अलावा हिस्ट्रीशीटर अमित सिंह हत्याकांड मामले में लोकल लिंक की तलाशी के लिए देवघर पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी में जुटी है।
गैंगस्टर अमित सिंह उर्फ निशांत को बेऊर जेल से लेकर देवघर तक का सफर कैसे तय किया गया था इसका पता लगाने के लिए देवघर पुलिस की टीम ने उसकी सुरक्षा में साथ आए बिहार पुलिस के सभी पांच पुलिसकर्मियों को बेऊर जेल से ही गाड़ी में बिठाकर देवघर के लिए रवाना की। इस दौरान जहां-जहां रुके वहां की जानकारी ली गई। साथ ही पूछताछ की गई। इसके बाद देवघर कोर्ट में पेशी के दौरान वकील के चेंबर तक लेकर जाने और गोलीबारी तक के तमाम सीन को पहले की तरह ही क्रिएट किया गया। इस मामले में बिहार पुलिस के सभी पांच जवानों को देवघर पुलिस अपने साथ रखी है। बताया जा रहा है कि बिहार पुलिस के मुलाजिमों से पूछताछ के दौरान दिए गए बयानों के बाद वो भी संदेह के दायरे में आ गए हैं। पुलिस की जांच से अब तक जो कुछ छनकर सामने आई है, उससे ये साफ है कि कुख्यात हिस्ट्रीशीटर और बेऊर जेल में बंद आजीवन कारावास का सजायाफ्ता कैदी अमित सिंह उर्फ निशांत ने पेशी के दौरान साथ रहे सुरक्षाकर्मियों को मैनेज कर रखा था।
सूत्रों की मानें तो, कुख्यात अमित सिंह को प्रोडक्शन वारंट पर पेशी के लिए देवघर लाया गया था लेकिन, बेऊर जेल के जेलर ने पटना के स्थानीय अदालत से उसके डिपार्चर की परिमिशन नहीं ली थी। इस बाबत खुलासा होने के साथ ही जेलर की भूमिका भी संदेह के दायरे में आ गई। सवाल ये खड़ा हो गया कि आखिर किन परिस्थितियों में कुख्यात को बगैर कैदी वाहन या रेल मार्ग से पेशी के लिए रवाना किया गया। मामले की जांच के दौरान ऐसे कई हैरान कर देने वाले तथ्य भी सामने आए हैं। अमित सिंह हत्याकांड साथ आए सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही का ही नतीजा रहा है।
बिहटा के बसौढ़ा गांव निवासी हिस्ट्रीशीटर हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने और शूटरों की गिरफ्तारी के लिए देवघर पुलिस ने दिन-रात एक कर दी है। पुलिस की एक टीम उसके लोकल लिंक की पता लगाने में जुटी है तो दूसरी टीम पटना में कैंप कर शूटरों को पकड़ने में पसीना बहा रही है। इस बीच अमित सिंह और उसके गुर्गों समेत साथ आए सुरक्षाकर्मियों को अपने घर में पनाह देने वाले रेंजर के बेटे की तलाश भी सरगर्मी से कर रही है। 17 जून की रात लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर अपनी माशूका के साथ देवघर पहुंचे अमित सिंह और उसके गुर्गों को रेंजर के बेटे ने ही अपने घर में पनाह दी थी। जहां रात के वक्त शराब और कबाब का दौर चला था। सुबह रेंजर के बेटे ने ही अमित सिंह को लेकर फॉर्चूनर कार से पेशी के लिए कोर्ट पहुंचा था, जहां नियम के मुताबिक उसे कोर्ट हाजत में रखना था। लेकिन, उसके साथ आए बिहार पुलिस के जवानों ने वकील के चेंबर में जाने दिया, जहां हमलावरों ने अमित सिंह को तीन गोली मारी।
अमित सिंह हत्याकांड में पटना टू देवघर के बीच साजिश की उलझी गुत्थी को सुलझाने की खातिर मथापच्ची में जुटी पुलिस हिस्ट्रीशीटर महाकाल सरगना (बिहटा में अमित सिंह के गैंग का नाम है महाकाल) के तमाम लोकल लिंक को भी खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि साल 2012 में जेल में बंद सिकंदर खान के बुलावे पर ही अमित सिंह देवघर आया था और कबाड़ कारोबारी चंचल कोठारी अपहरण कांड को अंजाम दिया था। इस बीच अमित का देवघर आना-जाना लगा रहा और कई स्थानीय बदमाशों से भी उसके संपर्क बने। पुलिस लोकल लिंक के जरिए ये पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि हमलावर शूटरों को मोटरसाइकिल किसने मुहैया कराई थी।

देवघर कोर्ट से सटे वकालतखाना परिसर में अंजाम दिए गए सनसनीखेज हत्याकांड मामले पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। 15 दिन के भीतर दूसरी बार सख्त टिप्पणी की। अदालत ने मौखिक तौर पर कहा है कि झारखंड में क्या हो रहा है? कभी मासूम बच्चे की हथौड़े से हत्या कर दी जा रही है तो कभी कोर्ट कैंपस में बंदी को गोली मार दी जा रही। राज्य में लॉ एंड ऑर्डर की हालत खराब है। बहरहाल, सूत्र बताते हैं कि बिहटा के कुख्यात महाकाल सरगना और हिस्ट्रीशीटर अमित सिंह हत्याकांड मामले का पुलिस जल्द ही खुलासा कर सकती है। जिसके बाद ही पता चल पाएगा कि देवघर में दिनदहाड़े और सरेआम अंजाम दिए गए इस हत्याकांड के पीछे की असली कहानी क्या थी?

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