दिल्ली व्यूरो
लखनऊ उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के खेमे में बड़ी सेंधमारी की है। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई हैं। भाजपा में शामिल होने के लिए वह मंगलवार को ही दिल्ली पहुंच गई थीं। आज भाजपा कार्यालय में वह भारतीय जनता पार्टी में आधिकारिक रूप से शामिल हो गई हैं। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने अपर्णा यादव का भाजपा में स्वागत किया। पिछले कई दिनों से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लग रही थी।
उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की उपस्थिति में अपर्णा यादव ने भारतीय जनता पा्टी की सदस्यता ली। भाजपा में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव ने कहा कि मैं भाजपा की बहुत शुक्रगुजार हूं, मेरे लिए हमेशा ही देश पहले आता है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम को पसंद करती हूं। इस मौके पर केशव प्रसाद मौर्या ने अखिलेश यादव प तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मैं मानता हूं कि अखिलेश यादव भाजपा की लहर से भयभीत हैं और वह 2022 में सुरक्षित सीट ढूंढ़ने में समय लगा रहे हैं। उन्होने कहा कि अगर अखिलेश यादव ने 2017 तक प्रदेश में विकास किया है तो उन्हें सुरक्षित सीट ढूंढ़ने में क्यों समय लग रहा है। इसकी बड़ी वजह यही है कि उन्होंने विकास किया नहीं है और अब वह सुरक्षित सीट की ओर भाग रह हैं।
बता दें कि अपर्णा यादव ने लखऊ की कैंट विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव 2017 में लड़ा था, लेकिन उन्हें यहां से हार का मुंह देखना पड़ा था लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अपर्णा को 61 हजार से अधिक वोट मिले थे जोकि पिछले चुनाव में सपा के किसी भी उम्मीदवार द्वारा प्राप्त वोटों से अधिक था। एक बार फिर से अपर्णा यहां से 2022 में सपा से टिकट मांग रही थीं लेकिन टिकट नहीं मिलने से वह नाराज थीं, जिसके चलते अपर्णा ने भाजपा का दामन थाम लिया।
लखनऊ कैंट सीट की बात करें तो यह ब्राह्मण बाहुल्य सीट है, यहां पर एक लाख से अधिाक ब्राह्मण वोटर हैं, जबकि दूसरे नंबर पर सिंधी और पंजाबी वोटर आते हैं। जिनकी कुल आबादी तकरीबन 65 हजार है। लखनऊ कैंट को भाजपा का गढ़ माना जाता है। 2017 में रीता बहुगुणा जोशी यहीं से चुनाव जीती थीं। हालांकि इसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा क सुरेश तिवारी ने यहां से चुनाव में जीत दर्ज की थी। सुरेश तिवारी इस सीट से 1996, 2002 और 2007 में जीत दर्ज कर चुके हैं। जबकि 2012 में रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव जीती थीं।