सरकार से नाराज चल रहे मंत्री सरयू राय आज इस्तीफा दे सकते हैं. उन्हें राज्यपाल से मिलने का वक्त मिल गया है. ऐसी अटकलें हैं कि राज्यपाल से मिलकर वह अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं. हालांकि इस बात का संकेत उन्होंने बीते 9 फरवरी को ही दे दिया था. बीजेपी अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी में उन्होंने सीएम रघुवर दास की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए मंत्रीपद से इस्तीफा देने की अनुमति मांगी थी. अनुमति नहीं मिलने की स्थिति में 28 फरवरी के बाद स्वयं इस्तीफा देने की बात कही थी. हालांकि दिल्ली में उनकी पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात नहीं हो पायी थी.
दिल्ली से रांची लौटने पर मंत्री ने कहा था कि सरकार में ऊंचे पदों पर बैठे अफसर उनके पत्र का जवाब तक नहीं देते. महाधिवक्ता बतौर स्टेटबार काउंसिल हेड उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कराते हैं. उनके निर्वाचन क्षेत्र में राज्य का पहला महिला विश्वविद्यालय को लेकर कार्यक्रम होता है, लेकिन बतौर मंत्री या विधायक उनका नाम निमंत्रण कार्ड में नहीं छपता. सरयू राय ने साफ कहा था कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम एक पत्र छोड़ आए हैं. जरूरी समझेंगे तो शाह उनसे बात करेंगे. 28 फरवरी तक उनके द्वारा उठाए मुद्दों का समाधान हो जाए तो बेहतर, नहीं तो मीडिया को बताकर मंत्रिमंडल से अलग हो जाएंगे.
हालांकि 14 फरवरी को रांची में सीएम आवास पर प्रदेश बीजेपी कोर कमिटी की बैठक में संगठन मंत्री रामलाल की मौजूदगी में सरयू राय के मुद्दे पर चर्चा हुई. लेकिन कोई बात नहीं बनी. बैठक से बाहर निकलकर मंत्री ने कहा था कि अभी नाराजगी दूर नहीं हुई. जमशेदपुर में उन्होंने कहा था कि वर्तमान सरकार में खनन संबंधी मामलों को लेकर मधु कोड़ा के राज से भी बुरे हालात हैं. मैं नहीं चाहता कि लालू प्रसाद और मधु कोड़ा की तरह कोई और मंत्री या मुख्यमंत्री जेल जाए. इसे चेतावनी समझें या सलाह, चेत जाएं और उचित कार्रवाई करें, जो हित में होगा.