पंकज कुमार श्रीवास्तव
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव सर पर हैं,हिन्दू- मुसलमान,कब्रिस्तान-श्मशान, तालिबान-पाकिस्तान करने वाली भाजपा अभूतपूर्व दबाव में है।किसान आन्दोलन के दबाव में तीन काले कानूनों की वापसी ने साबित किया है कि मोदी-योगी अनुनय-विनय,प्रार्थना-अनुरोध की भाषा नहीं सुनते।यह जनता के डंडे की मार की भाषा ही समझते हैं।वह तभी किसी की बात सुनेंगे,जब सत्ता हाथ से निकल जाने का खतरा हो।पांच साल तो योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कुछ भी सकारात्मक-रचनात्मक-सृजनात्मक तो कुछ किया नहीं,अब उन्हें एक ही सहारा दिख रहा है-बेशर्मी और निर्लज्जता के साथ नेहरू गांधी परिवार के परिवारवाद को कोसें,मुलायम-अखिलेश राज के दौर की भयावहता की याद दिलावें या फिर झूठ के सपनों का महल खड़ा करें।
उत्तरप्रदेश की चर्चा के पहले आइए-फरवरी,2021की थोड़ी चर्चा कर ली जाए,तब प.बंगाल में चुनाव होने वाले थे।14 और 25 फरवरी,2021 को प्रभात खबर और सन्मार्ग जैसे अखबारों के पहले पन्नों पर एक विज्ञापन छपा था।विज्ञापन में मुस्कुराते हुए नरेंद्र मोदी के साथ एक महिला लक्ष्मी देवी को दिखाया गया, जिसे यह कहते हुए बताया गया था कि प्रधान मंत्री आवास योजना की बदौलत उसके सिर पर छत आ गई।विज्ञापन में दावा किया गया कि 24लाख परिवार इस योजना के तहत “आत्मनिर्भर” बन गए हैं।
न्यूज़ लॉन्ड्री के अभिषेक शुभम ने बहुत खोजकर लक्ष्मी देवी से मुलाकात की और 22मार्च की अपनी रिपोर्ट में लिखा कि लक्ष्मी देवी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कोई घर नहीं मिला,और विज्ञापन में किया गया दावा झूठ, मनगढ़ंत और बेबुनियाद है।
युवाओं को लाखों सरकारी नौकरी का दावा देने करने वाले कुछ वीडियोज पिछले कुछ दिनों से यूपी के सीएम योगीजी के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से शेयर किए जा रहे हैं.ऐसा ही एक वीडियो 10मार्च,2021 को शेयर किया गया था.वीडियो में दावा किया गया था कि दुर्गेश चौधरी नामक एक शख्स को लेखापाल की नौकरी मिली है.
ट्वीट होते ही लोगों ने इस दावे पर टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं.देखते ही देखते यह मामला वायरल हो गया.लोग सवाल करने लगे कि आखिरी बार लेखपालों की भर्ती साल 2015में हुई थी,तो दुर्गेश चौधरी का चयन कब और कैसे हुआ?सोशल मीडिया पर विवाद ज्यादा बढ़ा तो वह ट्वीट ही डिलीट कर दिया गया.
जानकारी के मुताबिक लेखपाल भर्ती परीक्षा के समयबद्ध परिणाम व पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वीडियो के माध्यम से धन्यवाद देने वाला महाराजगंज का लेखापाल दुर्गेश चौधरी ट्विटर पर ट्रेंड होते ही घर छोड़ नेपाल बॉर्डर की तरफ भाग गया.
भाजपा यह दावा करती रही है कि उत्तरप्रदेश सरकार जहां एक्सप्रेसवे का निर्माण करती है,वहीं प.बंगाल में ममता बनर्जी शासन में फ्लाईओवर धराशायी हो जाते हैं।लेकिन,एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में 12सितंबर,2021 को एक विज्ञापन छपा।
‘ट्रांसफॉर्मिंग उत्तर प्रदेश अंडर योगी आदित्यनाथ’ शीर्षक वाले विज्ञापन में योगी आदित्यनाथ के एक ‘कट-आउट’ के साथ तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल के मां फ्लाईओवर की तस्वीर है,जो कोलकाता में अवस्थित है।विज्ञापन के साथ संदेश में लिखा है, ‘2017 से पहले उत्तर प्रदेश को निवेश के मामले में गंभीरता से नहीं लिया गया था, लेकिन राज्य में पिछले साढ़े चार साल के शासन में नकारात्मक धारणाएं टूट गई हैं और 2020 में यह देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है.’
उत्तरप्रदेश सरकार के एक विज्ञापन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन के तहत राज्य की आर्थिक प्रगति दर्शाने के लिए कोलकाता के मां फ्लाईओवर की कथित तस्वीर का इस्तेमाल किए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई.विज्ञापन छापने वाले अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने तस्वीरें चुनने में हुई गलती को लेकर माफी मांगी है।
किसी अखबार द्वारा एक विज्ञापन में दिखाई गई तस्वीर को लेकर माफी मांगना एक अनोखा मामला है,क्योंकि विज्ञापन के कंटेंट्स विज्ञापनदाता द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा, ‘अखबार के मार्केटिंग विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश पर छापे गए विज्ञापन के कवर कोलाज में अनजाने में एक गलत तस्वीर शामिल हो गई. गलती के लिए गहरा दुख है और तस्वीर को पेपर के सभी डिजिटल संस्करण से हटा दिया गया है.’
19नवंबर,2021 को प्रधानमंत्री मोदी,उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के दौरे पर थे और तथाकथित तौर पर उन्होंने बुंदेलखंड निवासियों को कई सौगातें दी।जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, “आपको बहुत बड़ी सौगात सौंपने आया हूं। आज अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली बांध, भावनी बांध और रतौली चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण हुआ है। इससे हमीरपुर, महोबा, बांदा और ललितपुर के लाखों लोगों को फायदा होगा। पीने का शुद्ध पानी मिलेगा, पीढ़ियों का इंतजार अब खत्म होने वाला है।”इसी कड़ी में कई सोशल मीडिया यूजर्स ने तस्वीर को ललितपुर के भावनी बांध का बताकर शेयर करना शुरू कर दिया।
ऑल्ट न्यूज़ ने बांध की तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर देखा कि 2014 में डेक्कन क्रॉनिकल के एक आर्टिकल में इसे शेयर किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, ये तस्वीर श्रीशैलम बांध की है. ये बांध तेलंगाना के नागरकुरनूल ज़िले और आंध्र प्रदेश के कुरनूल ज़िले के बॉर्डर पर स्थित कृष्णा नदी पर बना है.
25नवंबर,2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोएडा के जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास किया था, जिसके बाद केंद्रीय मंत्रियों सहित तमाम नेताओं द्वारा इसे लेकर ट्ववीट किए गए,।बीजिंग के डैक्सिंग हवाईअड्डे की तस्वीरों वाले बधाई देने वाले ट्वीट केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर,प्रह्लाद सिंह पटेल,अर्जुन राम मेघवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या समेत कई नेता शामिल थे.
हालांकि मामला सिर्फ यहीं नहीं रुका. इसके बाद शुक्रवार को चीन के सरकारी मीडिया नेटवर्क सीजीटीएन के शेन शेवेई ने सोशल मीडिया पर चल रही इस बहस को लेकर भारत का मखौल उड़ाया.
एक ट्वीट में नेताओं द्वारा किए ट्वीट्स का स्क्रीनशॉट का कोलाज लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘अरेss!भारत सरकार के मंत्रियों के हैंडल न केवल चीन के बीजिंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट के डिज़ाइन की तस्वीरों को अपने ‘इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धि’ बताते हुए साझा कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने दक्षिण कोरिया के इंचेओन हवाईअड्डे की फोटो को भी भारत का नोएडा एयरपोर्ट बताया है.’
नेताओं के ट्वीट के बाद ऑल्ट न्यूज़ के एक सह- संस्थापक और फैक्टचेकर मोहम्मद जुबैर ने ट्वीट कर बताया कि यह तस्वीर नोएडा के जेवर हवाईअड्डे की नहीं बल्कि चीन के बीजिंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट के डिज़ाइन की है.
शेन के ट्वीट के स्क्रीनशॉट को साझा करते हुए जम्मू कश्मीर के कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज़ के बेटे सलमान अनीस सोज़ ने व्यंग्य करते हुए लिखा, ‘भारतीय क्षेत्र पर चीनी कब्जे के जवाब में भारत का दावा बीजिंग हवाई अड्डे तक पहुंच गया है.यहीं असली मास्टर स्ट्रोक है और इसके लिए हमें पीएम की सराहना करनी चाहिए.हमारे मंत्री हमें गौरवान्वित करते हैं.’