संवाददाता द्वारा
रांची :रांची के एडिशनल कलेक्टर (एसी) और पूर्व नगड़ी सीओ की संपत्ति की जांच एसीबी करेगी. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस केपी देव की कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. अदालत ने वर्ष 2006 से वर्ष 2010 तक पूर्व नगड़ी सीओ और रांची एसी के पद पर रहे अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने को कहा. उक्त अवधि में इन दोनों पद पर रहे अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं माना. अदालत के आदेश की अवहेलना होने पर हाईकोर्ट ने सरकार को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है. दोनों पदाधिकारियों के अलावा उनके परिवार और मित्र-रिश्तेदार की भी संपत्ति की जांच एसीबी से कराने का निर्देश दिया गया है.
झारखंड हाईकोर्ट में जुलफान अंसारी ने एक याचिका दाखिल की. जिसमें बताया गया कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद उनकी जमीन पर पूर्व नगड़ी सीओ, रांची एसी ने फोर एच की कार्रवाई की. वहीं, कोर्ट के आदेश देने के बाद भी उनकी जमीन का रसीद निर्गत नहीं किया जा रहा है. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने रांची डीसी को आदेश दिया की जुलफान अंसारी की भूमि की रसीद निर्गत 30 दिनों के अंदर किया जाए.
अदालत ने मामले को पेचीदा बनाने वाले तत्कालीन नगड़ी सीओ और रांची एसी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कहा. वहीं, दोनों अधिकारियों के रिश्तेदार, घनिष्ठ मित्रों की भी संपत्ति की जांच एसबी से कराने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिया. अदालत ने इनके खिलाफ 3 माह में जांच पूरी कर सूचित करने का आदेश दिया. इसके अलावा आदेश की पूरी कॉपी भी कैबिनेट को सौंपने का निर्देश दिया.
रांची :रांची के एडिशनल कलेक्टर (एसी) और पूर्व नगड़ी सीओ की संपत्ति की जांच एसीबी करेगी. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस केपी देव की कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. अदालत ने वर्ष 2006 से वर्ष 2010 तक पूर्व नगड़ी सीओ और रांची एसी के पद पर रहे अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने को कहा. उक्त अवधि में इन दोनों पद पर रहे अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं माना. अदालत के आदेश की अवहेलना होने पर हाईकोर्ट ने सरकार को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है. दोनों पदाधिकारियों के अलावा उनके परिवार और मित्र-रिश्तेदार की भी संपत्ति की जांच एसीबी से कराने का निर्देश दिया गया है.
झारखंड हाईकोर्ट में जुलफान अंसारी ने एक याचिका दाखिल की. जिसमें बताया गया कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद उनकी जमीन पर पूर्व नगड़ी सीओ, रांची एसी ने फोर एच की कार्रवाई की. वहीं, कोर्ट के आदेश देने के बाद भी उनकी जमीन का रसीद निर्गत नहीं किया जा रहा है. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने रांची डीसी को आदेश दिया की जुलफान अंसारी की भूमि की रसीद निर्गत 30 दिनों के अंदर किया जाए.
अदालत ने मामले को पेचीदा बनाने वाले तत्कालीन नगड़ी सीओ और रांची एसी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कहा. वहीं, दोनों अधिकारियों के रिश्तेदार, घनिष्ठ मित्रों की भी संपत्ति की जांच एसबी से कराने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिया. अदालत ने इनके खिलाफ 3 माह में जांच पूरी कर सूचित करने का आदेश दिया. इसके अलावा आदेश की पूरी कॉपी भी कैबिनेट को सौंपने का निर्देश दिया.