उधवा: प्रखंड क्षेत्र के उधवा चौक में स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शाखा में महीनों से लंबी लाइनों की समस्या बरकरार है। उधर गुरुवार को स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि बैंक परिसर में ग्राहकों के बीच हाथापाई तक हो गई। जहां इसको लेकर स्थानीय निवासियों का कहना है कि बैंक में नकदी निकासी और मंईयां सम्मान योजना का पैसा महिलाओं के खाते में आया है जिस कारण प्रतिदिन बैंक में महिला ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है, परंतु केवाईसी नहीं होने के कारण निकासी नहीं हो पा रही है। वही केवाईसी जल्दी नहीं होने के कारण दूरदराज से बैंक आकर महिलाएं काफी परेशान हैं। उधर हाथापाई की सूचना पाकर राधानगर पुलिस अपने दलबल के साथ बैंक पहुंचे और ग्राहकों को समझाया। जहां लोगों का कहना है की लंबी कतारों में खड़े रहना अब आम बात हो गई है जहां इस समस्या से बुजुर्गों, महिलाओं और दैनिक मजदूरी पर निर्भर लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वही स्टेट बैंक में अव्यवस्था और भीड़ को लेकर लोगों का गुस्सा भड़क गया है। दरअसल पिछले कुछ महीनों से उधवा प्रखंड की एसबीआई शाखा की असुविधा से लोग तंग आ गए हैं। जहां एसबीआई शाखा जिस पर 26 पंचायत वाले ब्लॉक है, परंतु न तो एसबीआई प्रबंधन को इनसे मतलब है और न ही लोगों की समस्याओं से। वही लोगों को एक छोटे से काम के लिए हफ्ते पंद्रह दिन तक चक्कर लगाना पड़ता है, तब जाकर कहीं काम हो पाता है। वही जमा निकासी भी सुबह की लाइन के साथ शाम को काम हुआ तो हुआ नहीं तो घर लौट जाने वाली स्थिति रहती है। वही बैंक में पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तो है परंतु पूरे दिन में 30 से 40 तक ही खाता अनलॉक होती है जहां सैकड़ो की संख्या में एसबीआई बैंक के बाहर लोग रात के 2 बजे से लाइन लगाना शुरू करते हैं इससे यहां ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वही सुबह बैंक के खुलते ही परिसर में लंबी लाइन लग जाती है जहां ज्यादा भीड़ होने पर बैंक का मेन गेट तक बंद करना पड़ जा रहा है।
अधिकारी कब तक रहेंगे मौन
उधर भारतीय स्टेट बैंक उधवा शाखा में हो रही अव्यवस्था और लंबी लाइनों के बावजूद अब तक बैंक अधिकारियों या स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं इससे लोगों में गुस्सा और निराशा बढ़ रही है।
दूर से आई हुई महिलाएं क्या कहती
उधर बैंक कर्मियों पर दूरदराज के इलाकों से आए हुए महिलाओं ने आरोप लगाया है कि बैंक कर्मी इस शाखा में मनमाने तरीके से काम करते हैं जहां अधिकतर बैंक कर्मचारी आपस में बातचीत करने में व्यस्त रहते हैं और मोबाइल चलाने में व्यस्त रहते हैं और उन्हें खड़ाकर हंसी मजाक करने में व्यस्त रहते हैं। अगर इस मौके पर वे लोग बैंक कर्मचारियों को टोकते हैं तो बैंक कर्मचारी का जवाब होता है कि सर्वर डाउन है आज काम नहीं होगा चली जाओ फिर खुद ही उठकर चले जाते हैं। उधर बाहर जाकर 5 मिनट से 10 मिनट तक गायब रहते हैं जहां बैंक कर्मचारी उनकी समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं। वही स्थानीय लोग रात के 2 बजे से बैंक के बाहर लाइन में लगकर खड़े रहते हैं और वे महिलाएं दूर से आने में तकलीफ होती है परेशानी होती है बावजूद इसके हमें रोजाना घूमकर जाना पड़ रहा है।
स्थिति को लेकर लोगों की मांगें
वही लोगों ने मांग किया है कि बैंक की सेवाओं को जल्द से जल्द बेहतर किया जाए और लाइन में लगने की समस्या को जल्द से जल्द हल किया जाए। आगे लोगों का यह भी कहना है कि बैंक कर्मियों के पास साधन नहीं है तो कूपन सिस्टम कर दिया जाए ताकि लोगों को आश्वासन मिलता रहे कि उन्हें इतना नंबर के बाद उनका काम हो जाएगा। जहां दिन में सैकड़ो लोग भीड़ लगाकर धूप में खड़े रहने की नौबत नहीं आएगी। अब देखना यह होगा कि बैंक प्रशासन और संबंधित अधिकारी इस गंभीर मुद्दे पर कब तक कार्रवाई करते हैं।