*सिंधीपाड़ा में भू माफिया एवं दलालों द्वारा लगातार पेड़ों की कटाई की जा रही है*

*सिंधीपाड़ा में भू माफिया एवं दलालों द्वारा लगातार पेड़ों की कटाई की जा रही है*

 

पाकुड़: भारतीय वन अधिनियम को ताक पर रखकर हो रहा है काम विगत कुछ दिनों के अंदर सिन्धीपाड़ा में शीशम,आम,नारियल सहित कई पेड़ काटे गए अब हिंदुओं द्वारा पूजे जाने वाले हैं पीपल के वृक्ष को काटा जा रहा है जबकि वृक्षों को काटना बड़ा अपराध है हालांकि इसमें कई लोगों की संग्लिप्तता है प्रशासन से अपील है इस पर आवश्यक कारवाई की जाए।बताते चलें कि यहां कि आम लोगों का कहना है पाकुड़ वन विभाग को इसकी सूचना प्राप्त भी हुई है एवं उनके किसी स्टाफ द्वारा 1 बीघा 10 कट्ठा के भूमि पर अवस्थित मौजूदा पेड़ों एवं कटे हुए पेड़ों की पूरी वीडियो क्लिप मौजूद है हालांकि इस पर क्या कार्यवाही हुई इसका अब तक पता नहीं चल पाया अगर कार्रवाई हुई है तो उसके बावजूद भी आज फिर से पीपल के वृक्ष क्यों काटे जा रहे हैं बताते चलें एक वृक्ष 1 साल में लगभग ₹100000 से भी ज्यादा का ऑक्सीजन देती है एवं मृदा अपरदन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जबकि एक वृक्ष की उम्र लगभग 50 वर्ष तय की गई है इस अनुसार 50 वर्षों में 5000000 रुपए का ऑक्सीजन एक वृक्ष द्वारा पर्यावरण को प्रदान किया जाता है। जबकि कोरोना काल में ऑक्सीजन की भयंकर कमी से कई लोगों की मृत्यु हुई जिसका दंश भारत सहित विश्व में देखा है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की वृक्ष हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि वृक्ष हमारे लिए जीवनदायिनी है। और इसकी कटाई मनुष्य को मृत्यु की ओर धकेलती है।

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