राजनीतिक संवाददाता द्वारा
राँची :पिछले अगस्त महीनों में कांग्रेस नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस में व्यापक फेरबदल करते हुए प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष , एनएसयूआई से कांग्रेस की राजनीति में आए राजेश ठाकुर झारखंड कांग्रेस के मीडिया प्रभारी भी रहे चुके हैं. राजेश ठाकुर को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। उनके साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाये गये हैं। माना जा रहा है कि एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत रामेश्वर उरांव को प्रदेश अध्यक्ष से हटाया गया है। वे हेमंत सरकार में वित्त मंत्री हैं। लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी में खींचतान चल रही थी।यह पहला मौका है जब किसी गैर सांसद, विधायक या गैर पूर्व सांसद, पूर्व विधायक को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई हो।
रामेश्वर उरांव के कार्यकाल में राजेश ठाकुर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका में थे. राजेश ठाकुर ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत एनएसयूआई से की थी। इसके बाद वे यूथ कांग्रेस से जुड़े। बोकारो में वे यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे। झारखंड के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी के वे राजनीतिक सलाहकार भी थे। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस में लगातार प्रवक्ता, मीडिया प्रभारी, कार्यकारी अध्यक्ष बने। अब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। राजनीतिक लिहाज से राजेश ठाकुर के प्रदेश अध्यक्ष बनने से प्रदेश के युवा वर्ग की नजर कांग्रेस की तरफ है
स्वभाव से सरल , मृदुभाषी और सहनशील राजेश ठाकुर कई बार खुद को कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता और नेता के तौर पर साबित कर चुके हैं. कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश में संगठन की मजबूती और विस्तार के साथ – साथ संगठन के अंदर बेहतर तालमेल को ध्यान में रखते हुए राजेश ठाकुर का चयन किया है. ठाकुर प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी करीबी माने जाते हैं.
वहीं मांडर से विधायक आदिवासियों के दबंग नेता के रूप में पहचान रखने वाले बंधु तिर्की को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि विधानसभा में इन्हें कांग्रेस विधायक की मान्यता तक नहीं है। बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा से जीत कर आये प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो गये थे जबकि बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया था। सदन में तीनों की सदस्यता को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के कोर्ट में अभी सुनवाई चल ही रही है। इसी बीच कांग्रेस ने बंधु तिर्की को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी। अन्य कार्यकारी अध्यक्ष में कोल्हान में दखल रखने वाली गीता कोड़ा हैं तो धनबाद से आने वाले कोयलांचल में दबंग की पहचान रखने वाले जलेश्वर महतो हैं। वहीं फुर्कान अंसारी का पत्ता काटकर राज्यसभा का चुनाव लड़ने वाले सहजादा अनवर को भी कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया है।
ऐसे तो राष्ट्रीय पार्टी यानी कांग्रेस और भाजपा में आपस में ही नेतागण राजनीतिक स्वार्थ के लिए एक -दूसरे का पैर खींचने में लगे रहते हैं !ऐसे जब से झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर बने हैं ,तब से कांग्रेस के अंदर दो -तीन वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अपने आप को उपेक्षित और अपमानित महसूस कर रहे हैं, लेकिन आलाकमान के डर से बहुत मुखर नहीं हो पा रहे हैं परन्तु चोर दरवाजे से राजेश ठाकुर को बदनाम कर के लिए तरह -तरह की हरकते करने में लग गए हैं ! राजेश ठाकुर को बदनाम करने की साजिश रचने में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक श्रीमती शालिनी वर्मा बड़ी ही चतुराई से काम कर रही है !
श्रीमती वर्मा हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार श्री अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू जी की अपनी भाभी है जिसके कारण पूरा का पूरा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग श्रीमती वर्मा के इशारे पर नाच रहा है और पिंटू जी के भाभी वर्तमान श्री निदेशक श्री राजीव लोचन बख्शी के आंखों पर धृतराष्ट्र की तरह काली पट्टी लगा दिया गया है जिसके कारण श्री बक्शी एक मूकदर्शक निर्देशक के रूप में काम कर रहे हैं और पिंटू जी के छाया में श्रीमती वर्मा कांग्रेस के अंदरूनी राजनीतिक में रामायण के किरदार मंथरा के रूप काम कर रही है !इस सम्बन्ध में कुछ पत्रकारों का कहना है कि छोटे अखबारों के संपादक /मालिकों को 1००० से 2000 से. मी अतिरिक्त विज्ञापन देकर राजेश ठाकुर के खिलाफ समाचार प्रकाशित करवा रही है तथा कुछ पत्रकारों को दूसरी तरफ से लाभ देकर समय-समय पर राजेश ठाकुर के खिलाफ में समाचार प्रकाशित करने की योजना बनाये बैठे हुए हैं ! ऐसे आम लोगों का कहना है कि श्रीमती वर्मा का रिश्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय के साथ है !
दूसरी ओर ऐसी श्रीमती वर्मा भ्रष्ट तथा एक जहरीले सांप की तरह है! श्रीमती वर्मा के एक -एक अंग में जहर भरा हुआ है !श्रीमती वर्मा अपने आप को विक्टोरिया रानी समझती है इस तरह का व्यवहार शिबू सोरेन के किसी भी बहू का नहीं है ! ऐसे इस समय जनसंपर्क और सूचना विभाग झारखण्ड के अधिकारी एक -एक समाचार पत्र के मालिक से झारखण्ड सरकार के विज्ञापन सूची में शामिल करने के लिए सात लाख रूपये खूले आम ले रहे हैं श्रीमती वर्मा समाचार पत्रों के मालिकों और पत्रकारों से रौब से बात करती है और कई समाचार पत्रों को झारखंड सरकार के सूची में सम्मिलित अखबार को 10 महीनों से विज्ञापन बंद कर दिया है! श्रीमती वर्मा यानी सूचना जनसंपर्क विभाग के व्यवहार से हेमंत सरकार की छवि धूमिल हो रही है और साथ ही साथ महागठबंधन में धीरे-धीरे दरार बढ़ रही है
ऐसे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने शायरी के अंदाज में कहा कि ‘खुदी को कर बुलंद इतना की खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है,