News Agency : लालू परिवार गहरे राजनीतिक भंवर में फंसा हुआ है। इस सच पर पर्दा डालने की सारी कोशिशें अब नाकाम हो गयी हैं। भाई-भाई की लड़ाई आखिरी दौर में दाखिल हो गयी है। कोई जीतेगा तो कोई हारेगा। सुलह की अब कोई गुजाइंश नहीं। रहस्यमयी लंबी गुमशुदगी के बाद तेजस्वी यादव पटना आये, इसके बाद भी वे विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए। सोमवार की सुबह seven.40 में तेजस्वी पटना पहुंचे थे। सोमवार को राजद के विधायक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का इंतजार करते रहे। मंगलवार को भी तेजस्वी सदन में नहीं पहुंचे। तेजस्वी के इस रवैये से चमकी का एक बड़ा मुद्दा राजद के हाथ से फिसल रहा है। इस बीच भाजपा नेता और नीतीश सरकार के मंत्री विजय सिन्हा के बयान से राजद में भूचाल आ गया है।बिहार सरकार के मंत्री विजय सिन्हा के मुताबिक, तेजस्वी ने लालू यादव के सामने तेजप्रताप को पार्टी से निकालने की शर्त रख दी है। तेजस्वी का कहना है जब तक तेजप्रताप राजद में रहेंगे तब तक वे पार्टी का कोई काम नहीं करेंगे। तेजस्वी की इस शर्त से लालू परिवार के हाथ-पांव फूल गये हैं। अभी तक लालू-राबड़ी दोनों भाइयों के झगड़े को छिपाते रहे थे। पार्टी की एकता और मजबूती के लिए ऐसा किया जाना जरूरी भी था। लेकिन हालात अब बेकाबू हो गये हैं। इसे छिपाना मुमकिन न रहा। तेजस्वी के गायब रहने पर राजद के नेताओं की सफाई गले से नहीं उतर रही थी। कोई कहता बीमार हैं तो कोई कहता वर्ल्डकप देखने इंग्लैंड गये हैं। तभी से कुछ गड़बड़ होने की आशंका जतायी जा रही थी। अगर वे सचमुच इलाज करा रहे थे तो इसमें छिपाने वाली बात क्या थी ? वे लोगों से मिलजुल क्यों नहीं रहे थे ? राजद की राजनीति से खुद क्यों अलग कर लिया था ? पटना पहुंचने के बाद भी तेजस्वी का एक्टिव मोड में न आना, विजय सिन्हा के बयान को बल प्रदान कर रहा है।
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