लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की टूट ने महागठबंधन की परेशानी बढ़ा दी है। एक ओर राजद ने पलामू और चतरा के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, वहीं इसके दिग्गज नेताओं के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस, झामुमो और झाविमो पसोपेश में आ गया है। इस कारण ये दल सीटों का बंटवारा होने के बाद भी अपने-अपने उम्मीदवारों के पत्ते नहीं खोल रहे हैं।
टिकट बंटने के बाद पार्टी में भगदड़ न मचे, इसलिए भी अंतिम समय में टिकट की घोषणा करने की तैयारी है। महागठबंधन के सभी दल फिलहाल वेट एंड वाच की स्थिति में हैं। बताया जाता है कि कांग्रेस एक-दो दिनों में अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकता है। पार्टी एक साथ उम्मीदवारों की घोषणा करने के बजाए दो-तीन चरणों में इसकी घोषणा करेगी।
महागठबंधन की परेशानी गोड्डा सीट है, जहां फुरकान अंसारी बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। इधर, झामुमो और झाविमो में उम्मीदवारों को लेकर कोई उठापटक नहीं है। झामुमो 31 मार्च तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा करेगा। झाविमो 30 मार्च को कार्यसमिति की बैठक के बाद उम्मीदवारों की घोषणा करेगा।
भाजपा भी तीन सीटों कोडरमा, चतरा और रांची के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पा रही है। हालांकि इसकी पूरी संभावना दिख रही है कि कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी तथा चतरा से गिरिनाथ सिंह को टिकट मिलेगा। ऐसे में अन्नपूर्णा के साथ भाजपा में शामिल होनेवाले जनार्दन पासवान की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
रांची संसदीय सीट के उम्मीदवार को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस सीट के लिए आदित्य साहू, संजय सेठ, अमिताभ चौधरी के नाम आ रहे हैं। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक-दो दिनों में इन तीनों सीटों पर भी उम्मीदवार की घोषणा किए जाने की बात कही है।