News Agency: अरविंद केजरीवाल पर शनिवार को एक बार फिर हमला हुआ है। केजरीवाल मोती नगर इलाके में रोड शो कर रहे थे तभी एक शख्स अचानक से उनकी गाड़ी के सामने आया और उन्हें थप्पड़ मार दिया था। हालांकि यह पहली बार हुआ हो ऐसा नहीं है। केजरीवाल के साथ ऐसी दुर्घटनायें पहले भी हो चुकी हैं। हालांकि इसके पीछे कोई एक कारण नहीं है। इसे समझने के लिए हमें थोड़ा पीछे की ओर अन्ना आंदोलन की तरफ जाना होगा। केजरीवाल को समझना होगा। आम जन की उनसे जो उम्मीद थी उसे भी समझना होगा।दिल्ली के रामलीला मैदान में उमड़ी भीड़ के सामने जब केजरीवाल ने राजनीति में जाने की घोषणा की थी तब उस समय उपस्थित भीड़ नें तो इस फैसले के समर्थन में अपना हाथ उठाया था लेकिन, बाहर इस फैसले की आलोचना भी कम नहीं हुई थी, और इसकी ठोस वजह भी थी।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध खड़े हुये अन्ना आंदोलन के समय अरविंद ने खुले मंच से यह कहा था की हम राजनीति करने नहीं आये हैं और न ही हमारा मकसद राजनीति है। हम सरकार को यह बताना चाहते हैं की इस देश में भ्रष्टाचार अब नहीं चलेगा। देश की जनता अब जाग चुकी है। उसी मंच से केजरीवाल ने कहा था कि मैं आजीवन जनता के हित में सड़क पर उतरता रहूँगा और आपको यकीन दिलाता हूँ की मैं राजनीति में कभी नहीं आऊँगा। आप मेरा साथ दीजिये।
लेकिन ऐसा हो न सका। अरविंद बहुत जल्द ही राजनीति में आ गए। वर्तमान राजनीति को ‘काजल की कोठरी’ कहने वाले अरविंद इसी ‘काजल की कोठरी’ में आये लेकिन इस बार उनका तर्क अलग था। अबकी उन्होंने यह कहा की सरकार हमारी आपकी सुनती नहीं है इसलिए अब यह जरूरी है की हम लोकतांत्रिक तरीके से गैर जिम्मेदार और भ्रष्ट सरकार को चुनौती दें। और इसके लिए यह आवश्यक है की हम खुद की सरकार बनायें। हम सब मिलकर आप की सरकार बनायें। और अरविंद ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई।