सिलचर में प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव प्रचार के क्या हैं मायने?

Priyanka Gandhi Vadra election campaign in Silchar?

New Agency : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का पूरा फोकस यूपी में है, पिछले हफ्ते असम के सिलचर में उनका चुनाव प्रचार करना कई सवाल खड़े कर गया। आखिर ऐसी क्या वजह आ पड़ी कि प्रियंका को यूपी छोड़कर असम में जाकर रोड शो और रैली करनी पड़ी। सिलचर से कांग्रेस सांसद और लोकसभा उम्मीदवार सुष्मिता देव इसे गर्ल पावर बताती हैं लेकिन वजह कुछ और भी है। 

सुष्मिता आगे बताती हैं कि जब पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी असम दौरे पर थे तो उन्होंने उनसे प्रियंका के उनके निर्वाचन क्षेत्र के लिए प्रचार करने की गुजारिश की थी। उस समय राहुल ने जवाब दिया था कि प्रियंका फिलहाल यूपी में व्यस्त हैं लेकिन महिला कांग्रेस की चेयरपर्सन के लिए इस पर विचार किया जा सकता है।

भले ही सुष्मिता इसे एक महिला का दूसरी महिला को सहयोग बता रही हों लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा कुछ और है। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ पार्टी के मजबूत स्टैंड की वजह से इस बार सुष्मिता की राह आसान नहीं दिख रही है इसलिए प्रियंका को वहां जाकर प्रचार करना पड़ा। 

कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया, ‘बेशक वह (सुष्मिता) एक अच्छी उम्मीदवार हैं लेकिन नागरिकता बिल के खिलाफ पार्टी के पक्ष से यह चुनाव कठिन हो गया है।’ खासकर बराक घाटी और असम के ऊपरी हिस्सों में डेमोक्रेटिक विरोधाभास काफी अधिक है जो कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। यहां रहने वाले हिंदू, बंगाली समुदाय के बीच विरोधाभास के साथ सिलचर सीट पर सिटिजनशिप बिल को लेकर मजबूत समर्थन है।

वहीं असम के ऊपरी हिस्सों और बचे हुए उत्तर पूर्व राज्यों में बिल को लेकर जबरदस्त विरोध है। वह इसे स्वदेशी जातियों पर खतरे के रूप में देख रहे हैं। कांगेस ने काफी विचार मंथन के बाद सिटिजन बिल के खिलाफ पक्ष लिया था ऐसे में सुष्मिता देव दोनों ओर से मुश्किलों में नजर आ रही हैं। 

हालांकि सुष्मिता देव को खुद पर यकीन हैं और उनका दावा है कि वह फिर से जीतेंगी। वह कहती हैं, ’11 अप्रैल को सिलचर में अपने दूसरे दौरे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की तरह ही बिल पर असम के लोगों से सलाह लेने की बात कही।’ वह कहती हैं, ‘यह हास्यास्पद है कि एक ओर आप बिल के समर्थन में हैं तो दूसरी ओर आपने एजीपी से समर्थन लिया है जो लगातार बिल के विरोध में है।’ 

स्थानीय भावनाओं के लिए गला काट प्रतियोगिता में प्रियंका का चुनाव प्रचार कहां फिट होता है, इसके जवाब में सुष्मिता ने कहा, ‘जब प्रियंका जैसी शख्सियत यहां आती हैं और इंदिरा गांधी के बारे में बात करती हैं तो लोगों के जेहन में उस दौर की यादें अपने आप ताजा हो जाती हैं। लोग उन्हें याद करते हैं। इंदिरा गांधी बराक घाटी को वैली ऑफ पीस बुलाती थीं। 

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