पुलवामा हमला: पाकिस्तानी लिंक के शामिल होने के मिले सबूत?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि यदि भारत पुलवामा हमले में पाक स्थ‍ित आतंकी संगठनों के जुड़ाव का सबूत दे वह उन पर सख्त कार्रवाई करेंगे. सच तो यह है कि पुलवामा आतंकी हमले से कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के कई शहरों में आयोजित रैलियों में खतरनाक आतंकी सरगनाओं ने खुलेआम यह कहा था कि वह अगले दिनों में कश्मीर और शेष भारत में आतंकी हमले बढ़ाएंगे. इमरान खान को और क्या सबूत चाहिए, क्या अब इमरान पाक की जमीन पर पलने वाले पुलवामा के गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत दिखाएंगे?

गत 5 फरवरी को पाकिस्तान में कथि‍त ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ मनाया गया. इस दिन जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जमात-उद-दावा (जेयूडी) जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों के लोगों ने लाहौर, फैसलाबाद, इस्लामाबाद, कराची, पेशावर, रावलकोट और मुजफ्फराबाद शहरों में रैलियां निकालीं. जैश-ए-मोहम्मद के आका मसूद अजहर ने पेशावर में रैली का नेृतत्व किया. मसूद अजहर के भाई मौलाना रऊफ असगर ने भी एक रैली को संबोधित किया. जेयूडी के सरगना हाफिज सईद ने इस्लामाबाद में रैली का नेतृत्व किया, जबकि उसके रिश्तेदार हाफिज अब्दुल रहमान मक्की ने लाहौर में अपने समर्थकों को संबोधित किया.

पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के काफिले पर फिदायीन आतंकी हमले के करीब नौ दिन पहले पांच फरवरी को जैश के मुखिया मौलाना मसूद अजहर ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के सुरक्षा घेरे में पेशावर शहर में एक रैली को संबोधित किया था. इस सभा के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारियां हैं. इस सभा में पुलवामा को जैश का गढ़ बताते हुए अजहर ने धमकी दी थी कि भारत में आगामी महीनों में और आतंकी हमले किए जाएंगे और उसके लड़ाके दिल्ली तक पहुंचेंगे. उक्त रैली की वीडियो रेकॉर्ड‍िंग देखने से इस बात की साफ पुष्ट‍ि हो जाती है कि इस आतंकी संगठन के कार्यक्रम की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान सरकार के सुरक्षा कर्मी अपने पूरे यूनिफॉर्म में मौजूद थे. इस रैली में उसने सुरक्षा का इंतजाम देख रहे सुरक्षा बलों के प्रति एहसान भी जताया था.

मसूद अजहर ने भारत को पठानकोट, नगरोटा जैसे पुराने हमलों की याद दिलाते हुए यह धमकी भी दी थी कि ‘कराची, पेशावर, बहावलपुर और गुजरांवाला जैसे पाकिस्तान के सभी हिस्सों से नौजवान कश्मीर में जिहाद के लिए जा रहे हैं और आगे भी ऐसा करते रहेंगे.’ मसूद ने कहा था कि जैश-ए- मोहम्मद कश्मीर तक ही नहीं रुकेगा, बल्कि दिल्ली तक कूच करेगा.

5 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद की कराची रैली में भारत पर हमले और भारत में ‘इस्लाम का परचम’ लहराने के बारे में बातें की गई थीं. जैश-ए-मोहम्मद की कराची रैली में संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु के नाम पर आत्मघाती दस्ते बनाए जाने का ऐलान किया गया था. इस रैली में ये साफ ऐलान किया गया था कि जैश-ए-मोहम्मद ने ऐसे आत्मघाती हमलावरों के 7 दस्ते भारत के अलग-अलग शहरों में रवाना कर दिए हैं. इस्लामाबाद में एक मार्च का नेतृत्व करते हुए आतंकी सरगना हाफिज सईद ने पीएम मोदी को धमकी देते हुए कहा था, ‘मोदी अपनी फौज लेकर कश्मीर से लेकर निकल जा और नहीं निकलेगा तो और बहुत कुछ छोड़ना पड़ेगा.’  

5 फरवरी को कथि‍त ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ के अवसर पर ऐसी ही एक रैली को जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई मौलाना रऊफ असगर ने भी संबोधित किया. रऊफ असगर के भाषण और ऐसी तस्वीरें हैं, जिनमें वह भारत और खासकर कश्मीर में फिदायीन हमले का संकेत दे रहा है. मौलाना साफ यह कहता दिख रहा है कि भारत को खून से रंग दिया जाएगा. असगर ने कहा, ‘पिछले साल मेरे दाएं और बाएं कई लोग थे, अहमदुलिल्ला वे कश्मीर के लिए निकल चुके हैं और भारत को खून से सराबोर कर देंगे.’  

उसने यह भी धमकी दी थी कि, ‘भारत के खिलाफ कश्मीर के पहाड़ों से आगे निकल चुका है और अब भारत के आंतरिक हिस्सों तथा बड़े शहरों पर हमले किए जाएंगे.’  

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