पाक मंत्री की गीदर भभकी, बोले -130 परमाणु हथियार भारत के खिलाफ तैयार

ब्यूरो
पाकिस्तान के एक मंत्री ने भारत के खिलाफ़ परमाणु हथियारों को लेकर एक भड़काऊ बयान दिया है। जानिए इस बयान का क्षेत्रीय सुरक्षा पर क्या असर पड़ सकता है और भारत की प्रतिक्रिया क्या रही। पाकिस्तान के रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने भारत के खिलाफ़ एक ख़तरनाक बयान दिया है। उन्होंने भभकी दी है कि पाकिस्तान के 130 परमाणु हथियार तैयार हैं। उन्होंने कहा कि घोरी, शाहीन और गजनवी मिसाइलों का निशाना केवल भारत है। उनकी यह भभकी 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद आई है। अब्बासी के इस बयान ने भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और गंभीर बना दिया है। इससे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चिंताएं बढ़ गई हैं। पहलगाम हमले के बाद भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया और जवाब में कई क़दम उठाए। 23 अप्रैल को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानी सीसीएस की बैठक में भारत ने 1960 की संधि को निलंबित करने का फ़ैसला किया। इसको पाकिस्तान ने ‘युद्ध की कार्रवाई’ क़रार दिया। भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी वीजा रद्द कर दिए और अटारी सीमा क्रॉसिंग को बंद कर दिया। दोनों देशों ने अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम किया। अब्बासी ने भारत के इन क़दमों को दुस्साहस क़रार देते हुए कहा, ‘अगर वे हमारी जल आपूर्ति रोकते हैं तो उन्हें पूर्ण पैमाने पर युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। हमारे पास जो मिसाइलें और 130 परमाणु हथियार हैं, वे सजावट के लिए नहीं हैं। इन्हें पूरे देश में गुप्त स्थानों पर रखा गया है, और ये भारत पर निशाना साधे हुए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत को पता है कि पाकिस्तान ने अपनी मिसाइलें कहां तैनात की हैं और यही कारण है कि उन्होंने पीछे हटने के क़दम उठाए हैं और उनके देश पर हमला नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं फिर से दोहरा रहा हूं: ये बैलिस्टिक मिसाइलें, ये क्रूज मिसाइलें, ये शाहीन, ये घोरी, ये हमारी शोकेस में नहीं हैं, ये आपकी ओर निशाना साधे हुए हैं, किसी और की ओर नहीं। पाकिस्तानी मंत्री ने यह भी कहा कि अगर भारत सिंधु जल संधि को निलंबित करके पाकिस्तान की जल आपूर्ति रोकने की हिम्मत करता है, तो उसे ‘पूरी तरह युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। पाकिस्तानी मंत्री ने सवाल उठाया कि जब भी कोई घटना होती है तो एजेंसियों को जवाबदेह ठहराने के बजाय, भारत दूसरे देश पर प्रतिबंध लगाता है। उन्होंने कहा, ‘पहले अपने कार्यों का जवाब दें, पहले खुद को जवाबदेह ठहराएं, फिर हम पर उंगली उठाएं। इसलिए, मैं पूरे राष्ट्र और पूरी दुनिया को बताना चाहता हूं कि उन्होंने हमें धमकी दी और हमने जवाब दिया: हमने पानी रोका, व्यापार रोका, और हमने अपनी तैयारियां शुरू कीं, यही मैं कह रहा हूं। यह धमकी केवल अब्बासी तक सीमित नहीं है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी हाल के दिनों में युद्ध की धमकियां दी हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की सत्ताधारी गठबंधन इस तनाव को और भड़काने की रणनीति अपना रही है। पहलगाम हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए। इस हमले ने भारत में ग़ुस्से की लहर पैदा की। हमले की ज़िम्मेदारी शुरुआत में द रेसिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ़ ने ली थी। टीआरएफ़ को भारत लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी मानता है। हालाँकि बाद में टीआरएफ़ ने इससे इनकार किया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए, जिनमें दो पाकिस्तानी और एक स्थानीय व्यक्ति शामिल हैं। भारत ने इस हमले को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा बताया, जबकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इसे भारत की खुद की कार्रवाई क़रार दिया। इस हमले ने भारत को कठोर क़दम उठाने के लिए मजबूर किया। सिंधु जल संधि का निलंबन एक अहम क़दम है, क्योंकि यह संधि पाकिस्तान की 80% कृषि भूमि के लिए पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करती है। पाकिस्तान ने इसे ‘युद्ध की घोषणा’ माना और अब्बासी की धमकी इस तनाव का परिणाम है। पाकिस्तान मंत्री का दावा है कि उसके पास 130 परमाणु हथियार हैं, जो भारत की ओर तैनात किए गए हैं। हालांकि, जानकारों का मानना है कि यह संख्या बढ़ाचढ़ा कर पेश की गई हो सकती है। 2025 की शुरुआत में वैश्विक परमाणु हथियारों की संख्या लगभग 12,331 थी, जिसमें से पाकिस्तान और भारत के पास क्रमश: 170 और 164 हथियार होने का अनुमान है। फिर भी, अब्बासी का यह दावा कि ये हथियार गुप्त स्थानों पर हैं और केवल भारत के लिए हैं, दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध के ख़तरे को बढ़ाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी मूल के लेखक हैरिस सुल्तान ने इन धमकियों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान के जनरल कश्मीर के लिए अपने देश को नष्ट करने का जोखिम नहीं उठाएंगे। उन्होंने कहा, ‘कोई भी तानाशाह क्षेत्रीय संघर्ष में परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करेगा।’ हालांकि, अब्बासी जैसे नेताओं की भड़काऊ बयानबाजी से दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी और बढ़ रही है। भारत ने अभी तक अब्बासी की धमकी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में कहा कि पहलगाम हमले के दोषियों को सजा दी जाएगी। भारत ने अपनी वायुसेना के अभ्यास ‘आक्रमण’ को तेज कर दिया है, जिसमें राफेल और सुखोई-30 विमानों के साथ सिम्युलेटेड स्ट्राइक शामिल हैं। इसके अलावा, खुफिया एजेंसियां और जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकी नेटवर्क को नष्ट करने के लिए व्यापक अभियान चला रही हैं। भारत की रणनीति साफ़ है। वह आतंकवाद के खिलाफ़ कड़ा रुख अपनाएगा और पाकिस्तान पर आर्थिक, राजनयिक और रणनीतिक दबाव बनाए रखेगा। सिंधु जल संधि का निलंबन और व्यापार प्रतिबंध इस दिशा में बड़े क़दम हैं। हालांकि, परमाणु धमकी ने भारत के सामने एक नई चुनौती पेश की है, क्योंकि दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं और किसी भी ग़लत क़दम से विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। अब्बासी की धमकी ने वैश्विक समुदाय में चिंता पैदा की है। संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस तनाव को कम करने के लिए हस्तक्षेप कर सकता है। हालाँकि, भारत और पाकिस्तान के बीच गहरी अविश्वास की स्थिति में कूटनीतिक समाधान मुश्किल लगता है। अब्बासी की धमकी और भारत के जवाबी क़दमों ने दक्षिण एशिया को एक ख़तरनाक मोड़ पर ला खड़ा किया है। दोनों देशों के बीच सीमित युद्ध का इतिहास रहा है। लेकिन परमाणु हथियारों की धमकी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति कमजोर है और वह भारत के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध का जोखिम नहीं उठा सकता। दूसरी ओर, भारत भी परमाणु युद्ध के विनाशकारी परिणामों से अवगत है। हनीफ अब्बासी की परमाणु धमकी भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक ख़तरनाक अध्याय की शुरुआत है। यह बयान न केवल दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाता है, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी ख़तरा है। भारत की कठोर जवाबी कार्रवाइयां और पाकिस्तान की भड़काऊ बयानबाजी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।

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